Friday, November 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. पाकिस्तान का कंगाली में आटा गीला! सरकार का कर्ज 34% बढ़कर हुआ 58.6 लाख करोड़ रुपये

पाकिस्तान का कंगाली में आटा गीला! सरकार का कर्ज 34% बढ़कर हुआ 58.6 लाख करोड़ रुपये

सालाना आधार पर पाकिस्तान के कर्ज में 34.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: June 06, 2023 13:47 IST
पाकिस्तान का कंगाली में आटा गीला!- India TV Paisa
Photo:FILE पाकिस्तान का कंगाली में आटा गीला!

'उधार लेकर घी पीने' की आदत पड़ौसी देशी पाकिस्तान पर हूबहू ठीक बैठती है। दुनिया भर में आतंकवाद की पनाहगाह रहा पाकिस्तान इस समय गले तक कर्ज में डूबा है। देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार नाम मात्र का बचा है। पाकिस्तान के पास विदेशों से पेट्रोल से लेकर चाय तक मंगाने के पैसे नहीं हैं। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान अभी भी नया कर्ज लेने से बाज नहीं आ रहा है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सरकार का कर्ज अप्रैल अंत में 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 

देश के आंकड़ा ब्यूरो के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति स्तर अप्रैल में एक वर्ष में 36.4 प्रतिशत बढ़ गया। चौंकाने वाली बात यह है कि सालाना आधार पर पाकिस्तान के कर्ज में 34.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है। 

विदेशों से लिए कर्ज में जोरदार वृद्धि 

देश के केंद्रीय बैंक की हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। समाचार पत्र डॉन में मंगलवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, कर्ज में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। खबर के अनुसार, अप्रैल के अंत में घरेलू कर्ज 36.5 लाख करोड़ रुपये (62.3 प्रतिशत) है जबकि बाहरी कर्ज 22 लाख करोड़ रुपये (37.6 प्रतिशत) है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर बाहरी कर्ज में वृद्धि 49.1 प्रतिशत रही। बाहरी कर्ज में एक महीने पहले भी यही आंकड़ा था। 

कैसे कर्ज चुका पाएगा पाकिस्तान 

घरेलू कर्ज में सबसे बड़ी हिस्सेदारी संघीय सरकार के शेयरों की है, जो लगभग 25 लाख करोड़ रुपये के ऋण हैं। घरेलू कर्ज में अन्य बड़े हिस्सेदार लघु-अवधि ऋण (7.2 लाख करोड़ रुपये) और अनिधिक ऋण (2.9 लाख करोड़ रुपये) हैं, जिसमें राष्ट्रीय बचत योजनाओं से उधार ली गई राशि भी शामिल है। संघीय सरकार के शेयरों का कोष पिछले वर्ष से 31.6 प्रतिशत बढ़ गया जबकि लघु-अवधि वाले ऋण की हिस्सेदारी में वृद्धि 29.4 प्रतिशत ही रही। 

सिर्फ 1 महीने के आयात जितना पैसा 

पाकिस्तान लंबे समय से भुगतान संकट से जूझ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ एक महीने के आयात का भुगतान करने लायक राशि है। वहीं दूसरी तरफ, रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति के बीच ब्याज दर एक अभूतपूर्व स्तर तक चढ़ गई है। यह देखते हुए घरेलू ऋण चुकाना देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। भारी राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान भारी बाहरी कर्ज, कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement