Pakistan को आखिर कर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय सहायता मिल गई है। एक-एक रुपये के मोहताज पाके के लिए यह सहायता किसी संजीवनी से कम नहीं है। हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने पाकिस्तान का आर्थिक पैकेज बहाल करने के लिए बिजली दरें बढ़ाने और पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगाने जैसी सख्त शर्तें लगाई हैं। इससे जनता पर और बोझ बढ़ेगा। बेरोजगारी और महंगाई की बोझ से दबी जनता के लिए यह और अधिक कष्टकारक होगा। इससे पहले नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ एक समझौता किया था जिससे उसका रुका हुआ 6 अरब डॉलर का सहायता पैकेज बहाल हो जाए।
भष्ट्राचार रोकने के लिए कार्यबल गठन करने का निर्देश
मीडिया में आई खबरों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि आईएमएफ ने पाकितान से कहा है कि वह एक भ्रष्टाचार निरोधी कार्यबल का गठन करे जो सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाए गए वर्तमान कानूनों की समीक्षा करे। डॉन अखबार की खबर में कहा गया कि इन शर्तों के पालन के बाद आईएमएफ कर्ज को मंजूरी देने और कार्यक्रम को बहाल करने के पाकिस्तान के अनुरोध को कार्यकारी निदेशक मंडल के समक्ष पेश करेगा। इस प्रक्रिया में एक और महीने का वक्त लग जाएगा।
पेट्रोयिम पर भी कर धीरे-धीरे बढ़ाएगा पाक
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने कहा कि आईएमएफ ने जो नई शर्तें लगाई हैं उनमें बिजली दरें बढ़ाना शामिल है। मंत्रिमंडल से कहा गया है कि वे 50 रुपये प्रति लीटर का पेट्रोलियम कर धीरे-धीरे करके लगाएं ताकि 855 अरब डॉलर की राशि एकत्रित की जा सके। इससे पहले, 22 जून को पाकिस्तान ने अपने रुके हुए 6 अरब डॉलर के सहायता पैकेज को बहाल करने के लिए और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से वित्तपोषण का रास्ता खोलने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक समझौता किया था।
तेजी से घटता विदेशी मुद्रा बना संकट
पाकिस्तान के लिए 6 अरब डॉलर के विस्तृत कोष सुविधा पैकेज पर जुलाई 2019 में 39 महीने के लिए सहमति हुई थी। अभी तक आधा धन ही दिया गया है। पैकेज के बहाल होते ही पाकिस्तान को तत्काल एक अरब डॉलर की राशि मिल सकती है जो उसे उसके कम होते विदेशी मुद्रा भंडार को संभालने के लिए जरूरी है। वित्त मंत्री इस्माइल ने संवाददाताओं से कहा, हमने आईएमएफ के साथ परामर्श करके बजट को अंतिम रूप दे दिया है। उन्होंने कहा कि आईएमएफ के साथ बजट से संबंधित सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है।