पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति आदि का निर्वासन और जेल जाना कोई नई बात नहीं है। साथ ही निर्वासन के बाद दोबारा कुर्सी संभालना भी इस अजब देश के लिए कुछ गजब नहीं है। अब एक बार फिर ऐसा ही होेने जा रहा है। 2017 में देश से निर्वासित किए गए देश के पूर्व वित्तमंत्री इशाक डार अब एक बार फिर देश के वित्त मंत्री बनने जा रहे हैं। रविवार को मीडिया की खबरों में सामने आया है कि डार अगले सप्ताह फिर से इस महत्वपूर्ण मंत्रालय का कार्यभार संभाल सकते हैं।
चौपट अर्थव्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मदद के लिए डार अपने लंदन के स्व-निर्वासन को समाप्त कर पाकिस्तान लौटेंगे। उनके अगले सप्ताह वित्त मंत्री का पद संभालने की संभावना है। पाकिस्तान इस समय 75 साल में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश का खजाना खाली है, उस पर बाढ़ ने देश की रीढ़ ही तोड़ दी है।
लंदन में लिखी गई पटकथा
‘डॉन’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के बाद स्वदेश लौटते समय शहबाज शरीफ लंदन में रुके और वहां उन्होंने अपने बड़े भाई तथा पार्टी के मुखिया नवाज शरीफ के साथ घंटों तक मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने अपने भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ शनिवार को लंदन में हुई बैठक में डार को वित्त मंत्री बनाने के बारे में चर्चा की। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने भी एक संवाददाता सम्मेलन में इस घटनाक्रम की पुष्टि की।
2017 में घोषित किया गया भगोड़ा
डार के पाकिस्तान लौटने का रास्ता इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत द्वारा उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट निलंबित करने के बाद साफ हुआ है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया था और उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था। एक अदालत ने डार को 2017 में भष्ट्राचार के मामले में भगोड़ा घोषित किया था।
मिफ्ताह की कुर्सी संभालेंगे डार
पाकिस्तान के मौजूदा वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल का कार्यकाल 18 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। ऐसी चर्चा है कि डार के वित्त मंत्री बनने के बाद इस्माइल भी मंत्रिमंडल में सलाहकार के रूप में बने रहेंगे। मौजूदा वित्त मंत्री मिफ्ताह के दौर में पाकिस्तान ने काफी खराब आर्थिक हालात का सामना किया है। हालांकि आईएमएफ से कर्ज प्राप्त करने के चलते पाकिस्तान फिलहाल डिफॉल्ट होने की स्थिति को टाल गया है।