कंगाली से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की शर्तों के आगे पाकिस्तान झुक गया है। कोरोना और बाढ़ से खस्तहाल पाकिस्तानी जनता पर पाक सरकार ने एक बोझ और बढ़ा दिय है। पाकिस्तान सरकार ने IMF को संतुष्ट करने के लिए किसानों समेत सभी बिजली उपभोक्ताओं पर नए कर लगाने की मंजूरी दे दी है। इससे सरकार को 170 अरब रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। पाकिस्तान सरकार ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। इस कदम को आईएमएफ की तरफ से रखी गई शर्त के तौर पर देखा जा रहा है।
राहत पैकेज चाहिए तो सख्त कदम उठाओ
राहत पैकेज के तहत 1.1 अरब डॉलर की नई किस्त जारी करने के पहले मुद्राकोष ने कुछ सख्त कदम उठाने को कहा था। आईएमएफ के एक प्रतिनिधिमंडल ने किस्त जारी करने के संदर्भ में पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ दस दिन तक वार्ता की थी लेकिन कर्मचारी स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर किए बगैर ही वह प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को वाशिंगटन लौट गया। वार्ता में पाकिस्तानी पक्ष के मुखिया वित्त मंत्री इसहाक डार ने शुक्रवार को बताया कि इस बातचीत को गति देने के लिए कुछ ठोस कदमों की जरूरत है। दोनों पक्ष सोमवार से वर्चुअल माध्यम से वार्ता बहाल करेंगे। इसके कुछ घंटे बाद डार ने मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें बिजली दरों को बढ़ाने का फैसला किया गया।
किसानों को भी राहत नहीं दी
ईसीसी ने आईएमएफ की अग्रिम शर्तें पूरी करने के लिए शून्य-रेटिंग वाले उद्योगों के साथ-साथ किसान पैकेज पर जारी बिजली टैरिफ सब्सिडी को भी बंद करने की मंजूरी प्रदान कर दी। यह आदेश एक मार्च से प्रभावी माना जाएगा। नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है। उसे आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है।