पाकिस्तान ने शुक्रवार को जाने-माने बैंक अधिकारी जमील अहमद को स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का नया गवर्नर नियुक्त किया। यह नियक्ति ऐसे समय की गयी है जब देश विदेशी मुद्रा भंडार के साथ नकदी की कमी समेत आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, अहमद को पांच साल के लिये गवर्नर पद पर नियुक्त किया गया है। उनके पास बैंक क्षेत्र में काम करने का 31 साल का अनुभव है। अभी तक वह स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के डिप्टी गवर्नर थे। अहमद ने सऊदी अरब मौद्रिक एजेंसी (एसएएमए) में भी काम किया है।
जमील अहमद के सामने चुनौतियों का पहाड़
यह नियुक्ति ऐसे समय की गयी है जब देश विदेशी मुद्रा भंडार के साथ नकदी की कमी समेत आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। साथ ही राजनीतिक स्तर पर अस्थिरता, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से कर्ज मिलने में देरी तथा रुपये के अवमूल्यन से अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। अहमद एसबीपी के पूर्व प्रमुख डॉ.रजा बाकिर का स्थान लेंगे। उनका तीन साल का कार्यकाल चार मई को पूरा हो गया था।
बच्चों की गुल्लक सा विदेशी मुद्रा भंडार
नकदी संकट का सामने कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी गिरावट के साथ 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है। यह वर्ष 2019 के बाद पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का न्यूनतम स्तर है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने ऋण भुगतान में वृद्धि और बाहरी स्रोतों से मिल रही आर्थिक सहायता की कमी के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटा है।
विदेशी फंडिंग घटने से बढ़ी मुसीबत
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश के विदेशी भंडार में साप्ताहिक आधार पर 55.5 करोड़ डॉलर यानी 6.6 फीसदी की गिरावट आई है। ऐसा इस महीने बढ़े हुए ऋण भुगतान और बाहरी वित्तपोषण की कमी के कारण हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, “पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चला है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग तीन वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर गिरकर 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है। यह अक्टूबर 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है।’’ एक सप्ताह पहले पांच अगस्त को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8.385 अरब डॉलर था।
इस महीने के अंत तक मिलेंगे आईएमएफ से पैसे
पाकिस्तान को इस महीने आईएमएफ से बड़ी राहत मिल सकती है। आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड की 29 अगस्त को बैठक होगी जिसमें नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इस महीने के भीतर एक बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी जाएगी, जिसमें लगभग 1.18 अरब अमेरिकी डॉलर का बकाया भुगतान भी शामिल है। इसके बाद चीन और सऊदी अरब सहित चार मित्र देशों से पाकिस्तान को 4 बिलियन अमरीकी डालर की मदद भी मिल सकती है। वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने पाकिस्तानी अखबार डॉन को बताया कि कर्मचारी स्तर समझौते (एसएलए) और पिछले महीने हस्ताक्षरित आर्थिक और राजकोषीय नीतियों (एमईएफपी) के ज्ञापन के तहत कार्यक्रम के पुनरुद्धार के लिए ऋणदाता से शुक्रवार तड़के एक आशय पत्र (एलओआई) प्राप्त हुआ था।