आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इस हफ्ते बड़ी राहत मिल सकती है। आईएमएफ के साथ लंबी बातचीत के बीच कई शर्तों के आगे पाकिस्तान सिर झुका चुका है। इस बीच पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार आईएमएफ के साथ मौजूदा सात अरब डॉलर के राहत कार्यक्रम को पूरा करने के लिए ''पूरी तरह से प्रतिबद्ध'' है। उन्होंने एक बार फिर संकेत दिया कि नकदी की तंगी से जूझ रहा देश इस सप्ताह वैश्विक ऋणदाता के साथ कर्मचारी स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है।
समाचार पत्र डॉन के मुताबिक पाकिस्तान सरकार को जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक समझौते पर पहुंचना होगा, क्योंकि देश के पास मुश्किल से तीन सप्ताह के आयात के लिए मुद्रा भंडार है। डार ने यहां वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''मेरी टीम और मैंने तय किया है कि कम समय में हम इसे लागू करेंगे और पिछली सरकार की सभी संप्रभु प्रतिबद्धताओं को पूरा करेंगे।''
इससे पहले 31 जनवरी से नौ फरवरी तक इस्लामाबाद में आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के साथ दोनों पक्षों की 10 दिनों तक गहन बातचीत हुई। इस बातचीत में समझौते के लिए सहमति नहीं बन पाने के बाद अब पाकिस्तान और आईएमएफ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत कर रहे हैं।
पाकिस्तान की आर्मी पर 'गरीबी' की मार
पाकिस्तान कर्ज के भंवर में फंस गया है। 'गंदी' राजनीति ने इस देश की माली हालात का बेड़ा गर्क कर दिया है। पाकिस्तान की गरीब अवाम को खाने को रोटी नसीबी नहीं हो पा रही है। जिंदगी जीना मुहाल हो गया है। कंगाली की इस हालत का बुरा असर पाकिस्तान की सेना पर भी पड़ा है। पाक आर्मी के पास खाने पीने के सामान की कमी आ गई है। स्थिति अब रसद और आवश्यक आपूर्ति तक पहुंच गई है। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक डीजी-मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने इस बात की चेतावनी भेजी है कि सेना गंभीर-आपूर्ति का सामना कर रही है। इसके अलावा DGMO ने सीमावर्ती इलाकों में होने वाली ऑपरेशनल चुनौतियों का संकेत भी दिया।