इस साल की गर्मी जितनी भीषण हैं, उतना ही भीषण इन गर्मी की छुट्टियों में हवाई सफर भी साबित हो रहा है। देश की प्रमुख एयरलाइंस कंपनी गो फर्स्ट (Go First Crisis) के बंद होने के बाद से देश में हवाई टिकटों (Air Tickets) की कीमत में बीते एक महीने में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मई और जून में हवाई किराये आसमान पर हैं। लेकिन अब इसमें राहत मिलती दिख रही है। ताजा सर्वे के अनुसार देश के 10 सबसे व्यस्त हवाई मार्गों पर किराए में कमी दर्ज की गई है।
गो फर्स्ट के कारण आसमान पर किराया
गर्मी की छुट्टियों का समय रेल और हवाई यात्रा के लिहाज से साल का सबसे व्यस्त समय होता है। लेकिन इस साल हालात कुछ अलग रहे। पहले ही एटीएफ की बढ़ती कीमतों के चलते कंपनियां हवाई किराये को लेकर काफी दबाव में थीं, वहीं गो फर्स्ट संकट के चलते अचानक मई के महीने में देश में विमानों की किल्लत पैदा हो गई। डिमांड और सप्लाई के इस बड़े अंतर को पाटने के लिए लगातार कंपनियां किराये बढ़ा रही हैं। दिल्ली मुंबई जैसे कई व्यस्त रूटों पर पर हवाई किराए दो से तीन गुने तक बढ़ गए हैं। इस पृष्ठभूमि में नागर विमानन मंत्रालय ने गत छह जून को विमानन कंपनियों से हवाई टिकटों का मूल्य उचित स्तर पर रखने को कहा था।
इन 10 हवाई मार्गों के किराए में आई कमी
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-श्रीनगर सहित 10 घरेलू मार्गों पर कुल औसत हवाई किराये में कमी आई है और यह रुझान आने वाले सप्ताहों में भी जारी रहने की संभावना है। 13 जुलाई तक की अवधि के लिए सप्ताह-दर-सप्ताह आधार पर हवाई किराये के विश्लेषण से पता चलता है कि कुछ हवाई मार्गों पर औसत हवाई किराये में गिरावट आई है। किराये में गिरावट वाले 10 हवाई मार्ग हैं।दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, दिल्ली-लेह, लेह-दिल्ली, मुंबई-दिल्ली, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-पुणे, पुणे-दिल्ली, अहमदाबाद-दिल्ली और दिल्ली-अहमदाबाद।
मुंबई-दिल्ली का किराया अभी भी ज्यादा
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मुंबई-दिल्ली मार्ग को छोड़कर इन मार्गों पर कुल औसत हवाई किराये में गिरावट आई है। गो फर्स्ट की उड़ानें तीन मई से ही बंद हैं। हवाई किराये में उछाल पिछले महीने गो फर्स्ट के संचालन वाले मार्गों पर देखी गई है। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में पांच जून को हुई एक बैठक के दौरान एयरलाइन कंपनियों के प्रतिनिधियों को किराये का स्व-विनियमन करने के लिए कहा गया था। भारत में हवाई किराये विनियमन के दायरे में नहीं आते हैं।
(PTI Input)