Highlights
- ओप्पो और वनप्लस पर जर्मनी में स्मार्टफोन बेचने पर प्रतिबंध लगा
- प्रतिबंध लगाने के पीछे का कारण नोकिया के साथ चल रहा पेटेंट विवाद है
- नोकिया ने कुछ समय पहले इन दोनों कंपनियों को अदालत में घसीटा था
भारत में चीनी स्मार्टफोन पर लगाम कसने के लिए 12000 रुपये से सस्ते चीनी मोबाइल फोन (Chinese Mobile Phones) पर बैन की खबर ने देश भर में खलबली मचा रखी है। इस बीच जर्मनी से आई खबर ने चीनी मोबाइल इंडस्ट्री (Chinese Mobile Industry) में खलबली मचा रखी है। दरअसल, ओप्पो और वनप्लस (Oppo and OnePlus) को जर्मनी (Germany) में अपने स्मार्टफोन बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इतना ही नहीं, यूरोपीय संघ (EU) के अन्य देश भी जर्मनी की तरह इन दो चाइनीज मोबाइल कंपनियों पर बैन लगा सकते हैं। इस बैन के बाद अब ये दोनों मोबाइल कंपनियां अपने फोन जर्मनी के बाजार में नहीं बेच पाएंगे।
क्यों लगा प्रतिबंध
जर्मनी द्वारा चीनी मोबाइल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के पीछे का कारण नोकिया के साथ चल रहा पेटेंट विवाद है। नोकिया ने कुछ समय पहले इन दोनों कंपनियों को अदालत में घसीटा था। इस साल जुलाई की शुरुआत में, मैनहेम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, जर्मनी ने नोकिया के पक्ष में फैसला सुनाया और पाया कि ओप्पो और वनप्लस के पास अपने स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाली 5जी तकनीक के लिए वैध लाइसेंस नहीं थे।
समझौता रहा विफल
अदालत ने दोनों पक्षों को लाइसेंस शुल्क के मामले में समझौता करने का आदेश दिया, जिसमें विफल रहने पर, उसे ओप्पो स्मार्टफोन पर बिक्री प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कोर्ट की कार्रवाई के बाद वनप्लस और ओप्पो दोषी पाए गए हैं तथा अब ये दोनों ही कंपनियां सजा के तौर पर जर्मनी में अपने स्मार्टफोंस नहीं बेच पाएगी।
क्या है ओपो वनप्लस बैन का मामला
चीनी कंपनियां ओप्पो और वनप्लस जर्मनी सहित पूरे यूरोप में अपने 5जी मोबाइल बेच रही हैं। इस बीच फिनलैंड की कंपनी नोकिया ने पर आरोप लगाया था कि ये दोनों कंपनियां अपने स्मार्टफोन में जिन 5जी टेक्नोलॉजी का यूज़ कर रही है उसका पेटेंट सिर्फ नोकिया के पास है। म्यूनिक कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद ओपो और वनप्लस को दोषी करार दिया है।
जर्मनी के बाद इन देशों में भी केस
ओप्पो और वनप्लस के लिए मुश्किलें सिर्फ जर्मनी में ही नहीं है, बल्कि इन दोनों चाइनीज ब्रांड्स के खिलाफ नोकिया फ्रांस, स्पेन, फिनलैंड, स्वीडन, नीदरलैंड्स और ग्रेट ब्रिटेन में भी केस लड़ रहा है। यदि चीनी कंपनियां यहां भी केस हारती हैं तो उनके हाथ से यूरोप का बाजार छिन सकता है। जो कि चीन के लिए एक बड़ा झटका होगा।
भारत में भी बैन की सुगबुगाहट
दो दिन पहले ही ब्लूमबर्ग में छपी खबर ने चीनी कंपनियों की नींद उड़ा रखी हैं। खबर के अनुसार भारत सरकार 150 डॉलर यानि 12000 रुपये तक के स्मार्टफोन पर बैन लगा सकती है। यदि यह फैसला लिया जाता है तो भारत में कारोबार कर रही चीनी कंपनियां जैसे शाओमी, रेडमी, रियलमी, ओप्पो, वीवो, इनफिनिक्स और टेक्नो जैसी कंपनियों पर गाज गिर सकती है।