भारतीय कंपनियों का ऑपरेटिंग मार्जिन चालू वित्त वर्ष (FY2025) की पहली तिमाही में 15 से 18 प्रतिशत के बीच रह सकता है। सोमवार को आई एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई। IANS की खबर के मुताबिक, आईसीआरए की रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले समय में ग्लोबल लेवल पर आर्थिक गतिविधियां, भारत में मानसून की चाल बड़े फैक्टर होंगे, जिन्हें मॉनिटर करना होगा।
इन सेक्टर्स में डिमांड रही अच्छी
खबर के मुताबिक, आईसीआरए के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड- कॉरपोरेट रेटिंग्स, किंजल शाह ने कहा कि एफएमसीजी, ऑटोमोटिव, होटल और एयरलाइन में अच्छी मांग होने के चलते वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में कंपनियों की आय में सालाना आधार पर 5 प्रतिशत और क्रमिक आधार पर 6.3 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। पावर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में ग्रोथ मजबूत है। शाह ने आगे कहा कि फर्टिलाइजर और केमिकल सेक्टर में कच्चे माल की लागत में कमी और मांग में धीमापन आने के कारण आय में गिरावट हुई है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में मार्जिन
रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के चलते इन्फ्रास्ट्रक्चर गतिविधियां बंद रहने और अधिक बेस होने के कारण वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में मार्जिन में मामूली गिरावट (तिमाही आधार पर) देखने को मिल सकती है। वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में लागत कम होने और कीमतों में बढ़ोतरी के कारण ऑटो, पावर, फार्मा, मेटल और माइनिंग सेक्टर की ओर से सालाना आधार पर ऑपरेटिंग मार्जिन में इजाफा देखने को मिला था।
क्या है ऑपरेटिंग मार्जिन
ऑपरेटिंग मार्जिन किसी कंपनी या कारोबारी क्षेत्र के ऑपरेशनल प्रॉफिट और राजस्व का रेशियो है। प्रतिशत के रूप में व्यक्त, ऑपरेटिंग मार्जिन दिखाता है कि उन राजस्वों को हासिल करने में शामिल प्रत्यक्ष लागतों को ध्यान में रखने के बाद बिक्री में हर एक डॉलर से परिचालन से कितनी कमाई होती है।