नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक से मोबाइल ऐप के जरिये ऊंचे ब्याज पर कर्ज की पेशकश करने वाले ‘ऑनलाइन’ मंच से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिये गठित समिति की रिपोर्ट के क्रियान्वयन को लेकर उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायाधीश नवीन चावला की पीठ के समक्ष रिजर्व बैंक की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने कहा कि समिति की रिपोर्ट पर सुझाव आमंत्रित करने के लिये इसे सार्वजनिक किया जा रहा है। इस पर अदालत ने कहा, ‘‘प्रतिवादी सुनवाई की अगली तारीख को रिपोर्ट के क्रियान्वयन को लेकर स्थिति रिपोर्ट दे।’’
मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। अदालत जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें मोबाइल ऐप के जरिये छोटी अवधि के लिये ऊंचे ब्याज पर व्यक्तिगत कर्ज देने वाले मंचों के नियमन का आग्रह किया गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे कर्ज भुगतान में देरी होने पर लोगों को कथित रूप से अपमानित और परेशान किया जाता है।
सुनवाई के दौरान जनहित याचिका के समर्थन में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि समिति की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद सरकार या आरबीआई ने कुछ भी नहीं किया है और समस्या जस-की-तस बनी हुई है।