उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को कहा कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है। अधिकारी ने कहा कि नई खरीफ फसल की आवक शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्याज का औसत खुदरा भाव 54 रुपये प्रति किलो है और प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों पर सरकार द्वारा सब्सिडी वाले प्याज की बिक्री के बाद पिछले एक महीने में प्याज कीमतों में गिरावट आई है। सरकार उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत देने के लिए दिल्ली-एनसीआर और अन्य शहरों में 35 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर खुदरा बाजार में बफर स्टॉक से प्याज बेच रही है।
सरकार के पास है 4.5 लाख टन का बफर स्टॉक
सरकार के पास प्याज का 4.5 लाख टन का बफर स्टॉक है, जिसमें से अबतक 1.5 लाख टन की बिक्री की जा चुकी है। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि बफर स्टॉक प्याज को पहली बार रेलवे के माध्यम से प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है और इससे सप्लाई बढ़ाने में मदद मिल रही है। अधिकारी ने कहा, ‘‘जब तक स्टॉक खत्म नहीं हो जाता और कीमतें स्थिर नहीं हो जातीं, तब तक सरकार प्याज के बफर स्टॉक की रेल ढुलाई जारी रखेगी।’’
मालगाड़ियों की मदद से की गई 4850 टन प्याज की सप्लाई
पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी को मालगाड़ियों के जरिए करीब 4850 टन प्याज की सप्लाई की गई है। कीमतों के लिहाज से संवेदनशील दिल्ली में सबसे ज्यादा 3170 टन प्याज पहुंचाया गया है। उपभोक्ता मामलों के अधिकारी ने कहा, ‘‘सहकारी संस्था Nafed द्वारा 730 टन के साथ एक और ट्रेन कल दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इससे शहर में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें कम होंगी।’’
त्योहारों की वजह से भी बढ़े प्याज के दाम
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिन में प्याज की कीमतों पर अचानक दबाव देखने को मिला है क्योंकि मंडियां बंद थीं और त्योहारों की वजह से मंडियों में काम करने वाले मजदूर भी छुट्टी पर थे। हालांकि, अब स्थिति में सुधार होने लगा है। अधिकारी ने ये भी बताया कि इस बार उत्पादन में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ