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टमाटर के बाद अब प्याज निकालेगा आंसू! सितंबर में कीमतों में तूफानी तेजी की आशंका, भारी पड़ेगी किसानों की बेरुखी

जमीनी स्तर पर बातचीत से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से कीमतों में अच्छी-खासी वृद्धि होने की आशंका है और यह 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: August 05, 2023 11:06 IST
Onion Price- India TV Paisa
Photo:FILE Onion Price

अभी तक हम टमाटर की महंगाई पर हायतौबा कर रहे हैं। लेकिन अगले महीने हमें अब प्याज की कीमतों में तूफानी तेजी देखने को मिल सकती है। मई जून में 10 से 20 रुपये में मिल रहा प्याज सितंबर में अपने रंग में आ सकता है। सितंबर में प्याज की कीमतें 60 से 70 रुपये के पार निकलने की आशंका है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार अगले महीने मंडियों में प्याज की आवक घट सकती है, जिसके चलते मौजूदा कीमतों में दो गुने से लेकर ढाई गुने तक कीमतों में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है। हालांकि अक्टूबर में नई फसल की आवक से कीमतें धड़ाम हो सकती हैं। 

60-70 रुपये पहुंचेंगे दाम

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘मांग-आपूर्ति में असंतुलन का असर अगस्त के अंत में प्याज की कीमतों पर दिखने की आशंका है। जमीनी स्तर पर बातचीत से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से कीमतों में अच्छी-खासी वृद्धि होने की आशंका है और यह 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। हालांकि, कीमत 2020 के उच्चतम स्तर से नीचे रहेगी।’’ 

अ​क्टूबर से सुधरेगी स्थिति

रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी प्याज के भंडारण और उपयोग की अवधि एक-दो महीने कम होने और इस साल फरवरी-मार्च में घबराहट के कारण बिकवाली से, खुले बाजार में रबी स्टॉक में सितंबर के बजाय अगस्त के अंत तक काफी गिरावट आने की आशंका है। इससे प्याज की खपत में बढ़ोतरी होगी।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर से खरीफ की आवक शुरू होने पर प्याज की आपूर्ति बेहतर होगी, जिससे कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि त्योहारी महीनों (अक्टूबर-दिसंबर) में कीमतों में उतार-चढ़ाव दूर होने की उम्मीद है। 

किसानों की बेरुखी पड़ेगी भारी

इस साल जनवरी-मई के दौरान प्याज की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली। हालांकि, इससे प्याज किसान खरीफ मौसम में बुवाई के लिये हतोत्साहित हुए। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इसको देखते हुए, हमारा मानना है कि इस साल रकबा आठ प्रतिशत घटेगा और प्याज का खरीफ उत्पादन सालाना आधार पर पांच प्रतिशत कम होगा। वार्षिक उत्पादन 2.9 करोड़ टन होने की उम्मीद है। यह पिछले पांच साल (2018-22) के औसत उत्पादन से सात प्रतिशत अधिक है।’’ इसलिए, कम खरीफ और रबी उत्पादन के बावजूद इस वर्ष आपूर्ति में बड़ी कमी की संभावना नहीं है। हालांकि, अगस्त और सितंबर में बारिश प्याज की फसल और उसके विकास को निर्धारित करेगी।

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