दिल्ली वासियों को प्याज की बढ़ी हुई कीमतों से जल्द ही और राहत मिलने वाली है। केंद्र ने कहा है कि कीमतों को काबू में करने के लिए बाजार हस्तक्षेप के तहत 720 टन बफर प्याज की पांचवीं खेप 21 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेगी। यह पिछले महीने शुरू की गई सरकार की पहल का एक हिस्सा है, जिसके तहत रेलवे के जरिये पहली बार महाराष्ट्र से दिल्ली तक बफर प्याज पहुंचाया जाएगा। अब तक 4,010 टन प्याज 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बिक्री के लिए भेजा जा चुका है।
21 नवंबर को आ रहा 720 टन प्याज
एक सरकारी बयान के अनुसार, ‘‘720 टन की एक और खेप, जो इस सीरीज की पांचवीं खेप है, कल नासिक से रवाना हुई है और इसके 21 नवंबर तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है।’’ 17 नवंबर को पहुंचने वाली 840 टन की चौथी खेप में से सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में खुदरा बिक्री के लिए मदर डेयरी को 500 टन, एनसीसीएफ को 190 टन और नाफेड को 150 टन प्याज आवंटित किया है। सरकार ने कहा कि थोक आवक ने दिल्ली में थोक और खुदरा दोनों स्तर पर प्याज की कीमतों को काफी प्रभावित किया है।
दूसरे शहरों में भी भेजे जा रहे प्याज
दिल्ली के अलावा, अन्य शहरों में भी इसी तरह की पहल चल रही है। सरकार ने हाल ही में चेन्नई और गुवाहाटी को 840-840 टन प्याज भेजा है। इस सप्ताह गुवाहाटी को 840 टन और भेजने की योजना है, जबकि लखनऊ को 2-3 दिनों में इतनी ही मात्रा मिलेगी। त्योहारी मौसम और मंडी बंद होने के दौरान कुछ बाजारों में आपूर्ति की कमी के बाद केंद्र ने प्याज आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया है। सहकारी संस्था, नाफेड ने इस सप्ताह दिल्ली-एनसीआर के लिए दो अतिरिक्त रेल-रैक और गुवाहाटी के लिए एक रैक का अनुरोध किया है। सहकारी एनसीसीएफ ने आने वाले सप्ताह में एक और रैक तैनात करने की योजना बनाई है, जबकि सड़क परिवहन को बढ़ाया जा रहा है। सरकार पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली की आपूर्ति के लिए सोनीपत कोल्ड स्टोरेज से भी प्याज जारी करेगी। इस साल बनाए गए 4.7 लाख टन बफर स्टॉक में से सरकार पहले ही 1.50 लाख टन की आपूर्ति कर चुकी है।