सरकारी कच्चे तेल उत्पादक कंपनी ओएनजीसी ने मुंबई के अपतटीय क्षेत्रों से उत्पादित कच्चे तेल को अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट के प्रीमियम पर बेचने के लिए रिफाइनरी कंपनियों के साथ करार किया है। इसके बाद ओएनजीसी आसानी से घरेलू उत्पादित कच्चे तेल को रिफाइनिंग कंपनियों को प्रीमियम पर बेच पाएगी।
BPCL और HPCL के साथ हुआ करार
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ओएनजीसी ने बीपीसीएल और एचपीसीएल के साथ करार किया है। इसके तहत सरकारी कच्चे तेल उत्पादक कंपनी 45 लाख बैरल कच्चा तेल बीपीसीएल और एचपीसीएल को बेचेगी। कंपनी के सूत्रों की ओर से बताया गया कि ओएनजीसी द्वारा एचपीसीएल और बीपीसीएल से एक प्रतिशत प्रीमियम चार्ज किया जाएगा। करार के मुताबिक, एचपीसीएल और बीपीसीएल को बेचे जाने वाले तेल के लिए ओएनजीसी को 80 डॉलर के साथ 0.8 डॉलर मिलेंगे।
ONGC का कच्चा तेल उत्पादन
ओएनजीसी हर वर्ष मुंबई तट के पास अरब सागर में अपने क्षेत्रों से प्रति वर्ष 1.3-1.4 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन करती है। सरकारी द्वारा पिछले साल जून में उस नियम को समाप्त कर दिया था जिसमें कहा गया था कि 1999 से पहले दिए गए ब्लॉक से तेल सरकार द्वारा नामित ग्राहकों, ज्यादातर सरकारी रिफाइनर को बेचा जाना चाहिए। इस नियम के कारण ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसी सरकारी कच्चे तेल उत्पादक कंपनियों को बेहतर कीमत नहीं मिल पाती थी।
नियम परिवर्तन के बाद ओएनजीसी ने पश्चिमी अपतटीय में मुंबई हाई और पन्ना/मुक्ता क्षेत्रों से उत्पादित कच्चे तेल की तिमाही नीलामी शुरू की ।बता दें, मुंबई हाई से मिलने वाले कच्चे तेल की गुणवत्ता सबसे अच्छी है। शुरुआती निलामी में कंपनी को ब्रेंट पर मामूली प्रीमियम मिला। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) जैसे रिफाइनर ने रूसी तेल पर मिलने वाली छूट के बराबर छूट मांगनी शुरू कर दी।