सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को देर से ही सही, बड़ी सफलता हाथ लगी है। कंपनी ने बंगाल की खाड़ी में स्थित कृष्णा गोदावरी बेसिन (केजी बेसिन) में गहरे समुद्र परियोजना से तेल उत्पादन शुरू कर दिया है। भाषा की खबर के मुताबिक, कंपनी को इसके लिए काफी इंतजार और मेहनत करनी पड़ी। दरअसल, कंपनी को अपनी इस प्रमुख प्रोजेक्ट से प्रोडक्शन शुरू करने में काफी देरी हुई है।
सालों के उत्पादन में गिरावट के ट्रेंड बदलेंगे
खबर के मुताबिक, ओएनजीसी ने कहा कि इससे उसे सालों के उत्पादन में गिरावट के ट्रेंड को पलटने में मदद मिलेगी। लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, कंपनी ने केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक में क्लस्टर-2 प्रोजेक्ट से प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। ओएनजीसी का कहना है कि वह इस प्रोजेक्ट से धीरे-धीरे उत्पादन में बढ़ोतरी करेगी। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जटिल और कठिन ब्लॉक से पहला तेल उत्पादन शुरू हो गया है।
कच्चा तेल उत्पादन हर रोज कितना होने की उम्मीद
केंद्रीय मंत्री ने मौजूदा उत्पादन के बारे में कोई संकेत न देते हुए कहा कि कच्चा तेल उत्पादन हर रोज 45,000 बैरल और गैस उत्पादन एक करोड़ घनमीटर प्रतिदिन रहने की उम्मीद है। क्लस्टर-2 तेल का प्रोडक्शन नवंबर, 2021 तक शुरू हो जाना चाहिए था,लेकिन कोविड महामारी के चलते इसमें देरी हुई।
कई बार बढ़ाई गई थी डेडलाइन
ओएनजीसी ने समुद्र के नीचे से तेल का उत्पादन शुरू करने के लिए फ्लोटिंग जहाज आर्मडा स्टर्लिंग-वी को किराये पर लिया है। इसका 70 प्रतिशत स्वामित्व शापूरजी पालोनजी ऑयल एंड गैस के पास और 30 प्रतिशत मलेशिया की बुमी आर्मडा के पास है। ओएनजीसी ने क्लस्टर-2 तेल की पहली डेडलाइन मई, 2023 निर्धारित की थी। इसे बाद में इसे बढ़ाकर अगस्त, 2023, सितंबर 2023, अक्टूबर, 2023 और आखिर में दिसंबर, 2023 किया गया था।