कच्चा तेल उत्पादन करने वाली सरकारी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने देश के लोगों को खुशखबरी दी है। ओएनजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से बताया गया है कि कहा जारी किए गए एक बयान में बताया गया है कि कंपनी इस महीने बंगाल की खाड़ी में कृष्णा गोदावरी बेसिन में अपनी बहु-विलंबित गहरी समुद्री परियोजना से तेल उत्पादन शुरू कर देगा।
ओएनजीसी के निदेशक (उत्पादन) पंकज कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि हमारी योजना इस महीने केजी-डीब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक में क्लस्टर-2 परियोजना से उत्पादन शुरू करने और धीरे-धीरे बढ़ाने की है। क्लस्टर-2 से तेल उत्पादन नवंबर 2021 तक शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन वैश्विक महामारी के कारण इसमें देरी हुई। कुमार ने कहा कि ओएनजीसी की योजना शुरुआत में तीन से चार कुओं से उत्पादन शुरू करने और धीरे-धीरे अन्य को जोड़ने की है।
कितना होगा उत्पादन?
उत्पादन पर कुमार के कहा कि शुरुआती उत्पादन 8,000 से 9,000 बैरल प्रति दिन हो सकता है। ओएनजीसी कच्चे तेल की पहली खेप सहयोगी कंपनी मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) को भेजेगी। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की जांच की जाएगी और पैदावार के जरिए उसका ‘ग्रेड’ तथा कीमत निर्धारित की जाएगी।
80% कच्चा तेल आयात करता है भारत
भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है। ऑयल मिनिस्ट्री के डाटा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के बीच भारत ने अपनी जरूरत का 87.8 प्रतिशत कच्चा तेल विदेशों से आयात किया है। वहीं, इस दौरान घरेलू कच्चे तेल उत्पादन जरूरत का 12.2 प्रतिशत ही है। ऐसे में नए कच्चे तेल के कुओं से उत्पादन शुरू होने से घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
कच्चे तेल की कीमत
वैश्विक परिस्थितियों के कारण पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.68 प्रतिशत या 0.55 डॉलर गिरकर 80.88 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं, डब्लूटीआई क्रूड 0.65 प्रतिशत या 0.50 डॉलर गिरकर 76.67 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ है।