चीन की स्मार्टफोन मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी वनप्लस की अगले तीन साल में भारत में अपने कारोबार में 6,000 करोड़ रुपये तक इन्वेस्टमेंट करने की योजना है। यह हाल के वर्षों में देश में किसी चीनी मोबाइल फोन कंपनी का सबसे बड़ा निवेश है। इससे पहले, वनप्लस की सहयोगी कंपनी वीवो ने 2019 में 7,500 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट की घोषणा की थी। हालांकि, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कंपनी ने अब तक केवल 3,500 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है। आईडीसी के अनुसार, चीनी स्मार्टफोन ब्रांड्स ने सितंबर 2024 तिमाही में लगभग 72 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल की। इनमें बीबीके इलेक्ट्रॉनिक्स समूह की कंपनियों - वीवो, ओप्पो, रियलमी और वनप्लस ने कुल हिस्सेदारी का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हासिल किया।
तीन वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये का सालाना इन्वेस्टमेंट
वनप्लस ने गुरुवार को बयान में कहा, "कंपनी भारत में प्रोडक्ट इनोवेशन को बढ़ावा देने और सर्विसेज में सुधार के लिए ‘प्रोजेक्ट स्टारलाईट’ के तहत अगले तीन वर्षों में सालाना 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। इसमें कहा गया, ‘‘वनप्लस ने भारत में प्रोडक्ट तथा सर्विसेज में इनोवेशन को गति देने के लिए अगले तीन वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये के सालाना इन्वेस्टमेंट की गुरुवार को घोषणा की। इस निवेश योजना को ‘प्रोजेक्ट स्टारलाईट’ के नाम से इस क्षेत्र में ब्रांड के भविष्य के निवेश के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण के रूप में पेश किया गया है।’’
प्रोजेक्ट स्टारलाइट
बयान के अनुसार, ‘प्रोजेक्ट स्टारलाईट’ निवेश तीन प्रमुख क्षेत्रों, अधिक टिकाऊ उपकरण बनाने, असाधारण ग्राहक सेवा और भारत-विशिष्ट विशेषताएं विकसित करने पर केंद्रित है । वनप्लस इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रॉबिन लियू ने कहा, ‘‘भारत वैश्विक स्तर पर हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बना हुआ है और हम अपने भारतीय समुदाय का विश्वास और स्नेह अर्जित करने का प्रयास जारी रखे हैं।’’ कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस निवेश योजना को प्रोजेक्ट स्टारलाइट नाम दिया गया है, जो तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित होगा - अधिक टिकाऊ उपकरण बनाना, बेहतरीन ग्राहक सेवा और विशेष रूप से भारत के लिए सुविधाएं विकसित करना।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)