Highlights
- ओमीक्रोन के डर के कारण लोग अपने घूमने फिरने के प्लान फिलहाल टाल रहे हैं
- सुरक्षा की यह भावना सरकार की कमाई पर कैंची चला रही है
- टोल में कुल यातायात में करीब 20 से 25 फीसदी हिस्सेदारी यात्री वाहन श्रेणी की
नयी दिल्ली। कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के डर के कारण लोग अपने घूमने फिरने के प्लान फिलहाल टाल रहे हैं। लेकिन सुरक्षा की यह भावना सरकार की कमाई पर कैंची चला रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन से चालू वित्त वर्ष 2021-22 में पथकर (टोल) संग्रह की वृद्धि एक प्रतिशत तक प्रभावित हो सकती है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह अनुमान लगाया है। इक्रा ने कहा कि टोल परियोजनाओं पर कुल यातायात में करीब 20 से 25 फीसदी हिस्सेदारी यात्री वाहनों (पीवी) श्रेणी की होती है।
राज्य सरकारों द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने से लोगों की आवाजाही में कमी आई है, जिसका असर यात्री वाहनों और बस श्रेणी के यातायात पर पड़ेगा। इसमें कहा गया कि इस वजह से पथकर संग्रह में वृद्धि करीब एक प्रतिशत कम रह सकती है। हालांकि, वाणिज्यिक वाहनों से इसे समर्थन मिलेगा क्योंकि उत्पादन, निर्माण गतिविधियां और माल ढुलाई की अनुमति है।
इक्रा में कॉरपोरेट रेटिंग्स के क्षेत्र प्रमुख विनय कुमार जी ने कहा कि नवंबर, 2021 की तुलना में फास्टैग संग्रह 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दिसंबर, 2021 में 3,679 करोड़ रुपये रहा। उन्होंने कहा कि महामारी की वजह से आवाजाही पर अंकुशों के चलते जनवरी और फरवरी, 2022 में पथकर संग्रह माह-दर-माह आधार पर 7.5 से 23.5 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकता है।