Oil Shock : कच्चे तेल में उठा पटक के बावजूद अप्रैल से लेकर अब तक देश में तेल के दाम स्थिर हैं। पेट्रोल डीजल की ये स्थिर कीमतें आपको भले ही राहत दे रही हों, लेकिन इसने पेट्रोलियम कंपनियों का तेल जरूर निकाल रखा है। दाम न बढ़ने की वजह से देश की सरकारी तेल कंपनियां को भयंकर घाटा हो रहा है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड को अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2022-2023 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में कंपनी का घाटा बढ़कर 10,196.94 करोड़ हो गया है। कंपनी के इतिहास में किसी एक तिमाही में हुआ ये सबसे बड़ा घाटा है। जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में कंपनी को 1,795 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
इंडियन ऑयल को 1,992.53 करोड़ का घाटा
हिंदुस्तान पेट्रोलियम से पहले कुछ इसी प्रकार के नतीजे इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड ने भी पेश किए थे। कंपनी को अप्रैल-जून में 1,992.53 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ है। एक साल पहले इसी अवधि में नेट प्रॉफिट 5,941.37 करोड़ रुपए और जनवरी-मार्च तिमाही में 6,021.9 करोड़ रुपए था।
हर लीटर में हो रहा है तगड़ा नुकसान
इन कंपनियों को हर लीटर तेल बेचने पर भारी नुकसान हो रहा है। इंडियन ऑयल ने बताया था कि कंपनी को अप्रैल-जून तिमाही के दौरान पेट्रोल पर 10 रुपए और डीजल पर 14 रुपए प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। अप्रैल-जून क्वार्टर में भारत में कच्चे तेल का इंपोर्ट औसतन 109 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर था, लेकिन रिटेल पंप की पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग 85-86 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से थीं। इससे कंपनियों को नुकसान हुआ।
कच्चे तेल ने निकाला कचूमर
इस साल फरवरी से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल ने रिकॉर्ड तेजी दर्ज की है। मार्च अप्रैल के दौरान तो कच्चे तेल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे। हालांकि अब कच्चा तेल लंबे समय से 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है। ऐसे में जहां भारतीय कंपनियों को महंगा कच्चा तेल इंपोर्ट करना पड़ा, वहीं पहले यूपी इलेक्शन और फिर अब तेल कंपनियां कीमतें नहीं बढ़ा पा रही हैं, जिसका खामियाजा उनकी बैलेंस शीट से दिख रहा है।
6 अप्रैल से नहीं बढ़े हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
पेट्रोल-डीजल कीमतों में आखिरी बार 6 अप्रैल को बढ़ोतरी की गई थी। यानी की 4 महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं। वहीं मई में सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल पर 8 और डीजल पर 6 रुपए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। इससे पेट्रोल के दाम 9.5 रुपए और डीजल 7 रुपए सस्ता हो गया था।
क्या महंगा होगा पेट्रोल डीजल
तेल कंपनियों को हो रहा घाटा वाकई में डराने वाला है। लेकिन पेट्रोल डीजल की कीमतें कब बढ़ेंगी यह कहना मुश्किल है। केंद्र सरकार आम लोगो ंको महंगाई से राहत देने के लिए फिलहाल तेल की कीमतें बढ़ने नहीं दे रही है। लेकिन तेल कंपनियों को हो रहा घाटा ज्यादा दिन सहा भी नहीं जा सकता है। ऐसे में अब सभी निगाहें यूक्रेन संकट थमने पर है, यदि कच्चे तेल की कीमतें कम होती हैं तो यह तेल कंपनियों के लिए भी राहत की बात होगी।