केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि कंपनियों में महिला निदेशकों की मौजूदगी पिछले 10 साल में तीन गुना से अधिक हो गई है। जबकि तमिलनाडु में यह संख्या चार गुना से अधिक हो गई है। सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है। यह बजट में महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं के लिए आवंटित राशि से भी नजर आता है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं कॉरपोरेट जगत में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
स्टार्टअप और फिनटेक में महिलाएं काफी आगे
स्टार्टअप तथा वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाएं काफी आगे हैं। देश में 111 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) में से लगभग 18 प्रतिशत का नेतृत्व महिलाएं ही कर रही हैं। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहीं सीतारमण ने फिक्की-एफएलओ की चेन्नई इकाई के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगस्त, 2024 में 8.83 लाख महिला निदेशक सक्रिय रूप से काम कर रही कंपनियों से जुड़ी थीं। यह संख्या वर्ष 2014 के 2.58 लाख महिला निदेशकों के मुकाबले 3.4 गुना अधिक है।
तमिलनाडु में 4 गुना बढ़ी महिला डायरेक्टर्स की संख्या
सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु में 2014 में 15,550 महिलाएं कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल थीं। अगस्त 2024 में यह संख्या 4.3 गुना होकर 68,000 हो गयी। उन्होंने बजट आवंटन पर कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में केंद्र ने महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण की योजनाओं पर 97,134 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में यह तीन गुना होकर 3.10 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है।