दक्षिण-पूर्व एशिया में मलेशिया पर्यटन का एक बड़ा केंद्र है। यहां के समुद्र तट और नाइट लाइफ लोगों को खूब पसंद आते हैं। मलेशिया अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये भी जाना जाता है। खास बात यह है कि भारतीय बिना वीजा के मलेशिया घूमने जा सकते हैं। उड़ान सेवाएं बेहतर होने से पिछले साल भारत से मलेशिया जाने वाले यात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड 71.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। मलेशिया के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। चेन्नई में मलेशिया के महावाणिज्यदूत सरवण कुमार कुमारवासगम ने कहा कि मलेशिया में वर्ष 2024 के दौरान भारत से 10,09,114 पर्यटक पहुंचे, जो 2023 की तुलना में 71.7 प्रतिशत अधिक है।
30-दिन की वीजा छूट
उन्होंने कहा कि इस वृद्धि में चेन्नई से पेनांग, बेंगलुरु से लंगकावी और बेंगलुरु से कुआलालंपुर सहित नए उड़ान मार्गों की अहम भूमिका रही। इसके अलावा भारतीय नागरिकों के लिए वीजा छूट बढ़ाए जाने से भी भारतीय पर्यटकों की तादाद बढ़ी है। कुमारवासगन ने एक बयान में कहा कि मलेशिया द्वारा भारतीय नागरिकों के लिए 30-दिवसीय वीजा छूट को दिसंबर, 2026 तक बढ़ाया जाना दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने में एक ‘महत्वपूर्ण मील का पत्थर’ साबित हुआ। उन्होंने कहा, "यह तमिलनाडु और पूरे भारत के लोगों के लिए वीजा के लिए आवेदन करने की परेशानी के बिना मलेशिया की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राचीन समुद्र तटों और जीवंत शहरों को देखने का सुनहरा अवसर है।"
पर्यटकों के लिए आसानी
'टूरिज्म मलेशिया' के निदेशक (चेन्नई) हिशमुद्दीन मुस्तफा ने कहा कि वीजा छूट न केवल यात्रा को आसान बनाती है, बल्कि भारतीय पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य होने की मलेशिया की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करती है। मुस्तफा ने कहा, "रणनीतिक साझेदारी और मजबूत प्रचार अभियानों के साथ हमारा लक्ष्य मलेशिया के अद्वितीय आतिथ्य, विविध आकर्षण और छिपे हुए रत्नों को प्रदर्शित करना है।" इस अवसर पर मलेशिया के शीर्ष अधिकारियों ने 'विजिट मलेशिया वर्ष 2026' के प्रतीक चिह्न (लोगो) का भी अनावरण किया।
मलेशिया में घूमने की जगह
मलेशिया में घूमने के कई सारे अच्छे स्थान हैं। कुआलालंपुर की नाइट लाइफ, पेनांग हिल, मलक्का की प्राचीन इमारतें और समुद्र तट, किनाबालु पर्वत चोटी, बाटू गुफा मंदिर, पेट्रोनस ट्विन टावर और तमन नेगारा जैसी जगहों पर काफी पर्यटक घूमने जाते हैं।