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डायबिटीज से लेकर सिरदर्द की दवाओं पर सरकार का बड़ा फैसला, NPPA ने तय किए 84 दवाओं के दाम

एनपीपीए ने कहा कि उसने तरल चिकित्सा ऑक्सीजन और ऑक्सीजन इनहेलेशन (औषधीय गैस) की संशोधित अधिकतम कीमत को इस साल 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है।

Written By: Indiatv Paisa Desk
Published on: July 03, 2022 16:40 IST
Medicine Price- India TV Paisa
Photo:FILE

Medicine Price

Highlights

  • एनपीपीए ने मधुमेह, सिरदर्द और BP की 84 दवाओं के लिए खुदरा कीमतें तय की
  • कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने के लिए फॉर्मूलेशन की कीमतें भी तय
  • मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक टैबलेट की कीमत जीएसटी को छोड़कर 10.47 रुपये होगी

यदि आप डायबिटीज, सिरदर्द से लेकर कॉलेस्ट्रॉल की बीमारी से परेशान हैं तो आपके लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। दवाओं की कीमत तय करने संबंधी नियामक एनपीपीए ने मधुमेह, सिरदर्द और उच्च रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 84 दवाओं के लिए खुदरा कीमतें तय की हैं। 

राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने के लिए फॉर्मूलेशन की कीमतें भी तय की हैं। नियामक ने एक अधिसूचना में कहा कि दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 द्वारा मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए एनपीपीए ने दवाओं की खुदरा कीमतें तय की हैं। 

आदेश के अनुसार, वोग्लिबोस और (एसआर) मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक टैबलेट की कीमत जीएसटी को छोड़कर 10.47 रुपये होगी। इसी तरह पैरासिटामोल और कैफीन की कीमत 2.88 रुपये प्रति टैबलेट तय की गई है। इसके अलावा एक रोसुवास्टेटिन एस्पिरिन और क्लोपिडोग्रेल कैप्सूल की कीमत 13.91 रुपये तय की गई है। 

एक अलग अधिसूचना में एनपीपीए ने कहा कि उसने तरल चिकित्सा ऑक्सीजन और ऑक्सीजन इनहेलेशन (औषधीय गैस) की संशोधित अधिकतम कीमत को इस साल 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है।

पाकिस्तान में दवाओं की हुई भारी किल्लत

पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। लेकिन इस मुश्किल दौर में भी सरकार मूर्खतापूर्ण कदम उठाने से कतई हिचकिचा नहीं रही है। हालात ऐसे में हैं कि मामूली मौसमी बुखार भी लोगों की मौत का सबब बन सकता है, क्योंकि पाकिस्तान में दवा है ही नहीं। जहां पाकिस्तान में कोविड की छठी लहर की आशंका जताई जा रही है। वहीं सरकार ने दवाओं पर भारी आयात शुल्क लाद दिया है, जिससे पैरासिटामोल जैसी बेसिक दवा की भी किल्लत हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार महामारी की छठी लहर की आशंका के बीच इस बीमारी के इलाज और बचाव में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर भारी आयात शुल्क लगाने के चलते दवाओं की किल्लत हो गई है। इसके चलते नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

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