नोएडा में घर का सपना पूरा करना और महंगा हो गया है। दरअसल, नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में आवासीय भूखंड, ग्रुप हाउसिंग और संस्थागत उपयोग की संपत्तियों की आवंटन दरों में छह से दस प्रतिशत की बढोतरी की है। इससे उद्योग लगाने के साथ मकान बनाने में लोगों को अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। नोएडा में आवास और उद्योग लगाना महंगा होता जा रहा है। वर्ष 2022 में भी आवंटन दरों में 10 से 15 प्रतिशत तक प्राधिकरण ने इजाफा किया था। इस साल भी 10 फीसदी तक रेट बढ़े हैं।
ई-श्रेणी के आवासीय सेक्टरों में सबसे अधिक बढ़ोतरी
ई-श्रेणी के आवासीय सेक्टरों के सबसे अधिक दस प्रतिशत का इजाफा किया गया है। ए-प्लस श्रेणी की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जबकि ए, बी, सी और डी श्रेणी के सेक्टरों में भूखंड की दरों में छह प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। आवासीय भवन यानी फ्लैट और व्यावसायिक संपत्ति की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया है। बीते महीनों में औद्योगिक भूखंडों की नीलामी में अधिक रेट प्राधिकरण को प्राप्त हुए थे। ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र की फेज वन, फेज टू और फेज तीन की दरों में छह प्रतिशत इजाफा किया गया है। संस्थागत संपत्ति क्षेत्र में भी फेज वन, फेज टू और फेज तीन में स्थित आईटी-आईटीईएस और डाटा सेंटर उपयोग की संपत्तियों में भी छह प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
बहुमंजिला इमारतों की स्ट्रक्चर ऑडिट कराए जाएंगे
इनके अलावा नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में कुछ और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये है। इनमें 2023-24 के लिए 6920 करोड़ के बजट को बोर्ड बैठक में पास कर दिया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित बहुमंजिला इमारतों की स्ट्रक्चर ऑडिट कराए जाने के लिए पैनल का गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। नोएडा और ग्रेटर नोएडा निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए ग्राम अतरौली ग्रेटर नोएडा में प्लांट लगाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में ज्वॉइंट वेंचर कंपनी के रूप में नोएडा प्राधिकरण द्वारा किए गए अंशधारिता के सापेक्ष भुगतान की समीक्षा की गई।