Tax saving tips: इनकम टैक्स देने वाले लोग इसमें छूट लेने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं। इनमें सबसे आसान और ज्यादा प्रचलित तरीकों में से एक इन्वेस्टमेंट है। लेकिन उन लोगों का क्या जिनके पास निवेश करने के लिए ज्यादा रकम नहीं हो। क्या आप भी बगैर इन्वेस्टमेंट टैक्स सेविंग करना चाहते हैं? ऐसी स्थिति में अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। कई ऐसे भी तरीके हैं जिसके जरिए बिना निवेश किए भी लाखों रुपये तक की बचत कर सकते हैं। अधिकतर लोग इन तरीकों के ऊपर बहुत कम ध्यान देते हैं।
बगैर इन्वेस्टमेंट एजुकेशन लोन पर करें टैक्स की बचत
स्कूल में पढ़ाई करने वाले बहुत कम ऐसे छात्र हैं जो लोन लेते हैं। हायर एजुकेशन की तलाश में कॉलेज में एडमिशन लेते समय या फिर विदेशों में पढ़ाई करने जाने के लिए ज्यादातर छात्र एजुकेशन लोन पर ही निर्भर होते हैं। आयकर अधिनियम के द्वारा जारी सेक्शन 80E के अनुसार लोन पर भरे गए ब्याज पर बहुत ही आसानी से टैक्स छूट मिल जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं इस अधिनियम के अनुसार ईएमआई की रकम को भी कम करवा सकते हैं।
होम लोन पर टैक्स छूट
आयकर अधिनियम 24(b) के अनुसार रेडी टू मूव फ्लैट या घर के ऊपर ट्रैक सूट लेना बहुत आसान है। बगैर इन्वेस्टमेंट किए टैक्स में छूट लेने के लिए ज्यादातर लोग यही तरीका अपनाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं अगर पहले से बने बनाए मकान के लिए भी होम लोन पर टैक्स छूट की सुविधा मिलती है। इसके लिए उस प्रॉपर्टी यानी घर में आपका होना जरूरी है। इसके लिए एक कंडीशन यह है कि 5 वर्ष के भीतर अगर इस घर को बेचते हैं तो आपको पुराने टैक्स भी देने होंगे।
House Rent Allowance पर टैक्स में छूट
किराए के मकान में रहने वाले लोगों के लिए टैक्स में छूट लेना बहुत ही ज्यादा आसान है। ITR फाइल करते समय HRA यानी House Rent Allowance दिखाकर टैक्स में छूट ले सकते हैं। जो लोग भी किराए के घर में रहते हैं उनकी सैलरी का लगभग एक हिस्सा इसमें चला जाता है। आयकर अधिनियम की धारा 1961, 2A के सेक्शन 10(13A) के अनुसार हाउस टैक्स एलाउंस में छूट मिल जाती है। इसके तहत न केवल कुछ फीसदी बल्कि पूरी तरह से भी टैक्स में छूट ले सकते हैं।
ट्यूशन फीस और पढ़ाई से जुड़े खर्चे
अगर आपके बच्चे स्कूल कॉलेज के अलावा ट्यूशन पढ़ते हैं तो उसके आधार पर भी टैक्स में छूट ले सकते हैं। पढ़ाई लिखाई से जुड़े दूसरे खर्चे के लिए टैक्स में छूट आयकर अधिनियम की धारा 10 के तहत मिलती है। सिर्फ इतना ही नहीं अगर दूसरे राज्यों में या फिर हॉस्टल में रहकर बच्चे पढ़ाई कर रहे हों तो इस पर भी टैक्स क्लेम कर सकते हैं। अगर 1 बच्चे हो तो हर साल 1200 रुपये और 2 बच्चे हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हो तो इस पर 3,600 टैक्स क्लेम कर सकते हैं।