Inflation: कोरोना महामारी के बाद से भारत के साथ दुनिया भर के लोग महंगाई से परेशान हैं। हाल के दिनों में रिकॉर्ड महंगाई बढ़ाने में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की भी अहम भूमिका है। इस युद्ध के चलते कच्चे तेल के दाम में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, जिसने महंगाई को तेजी से बढ़ाने का काम किया है। वैसे तो महंगाई एक अकेला शब्द ही काफी है लेकिन इसके कई कंम्पोनेंट हैं जो हम सभी पर असर डालते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि कितने तरह की महंगाई हम सब को संकट में डालने का काम कर रहा है।
1. ईंधन की महंगाई: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद देश में पेट्रोल, डीजल, पीएनजी, सीएनजी और रसोई गैस के दाम तेजी से बढ़े हैं। दिल्ली में रसोई सिलेंड 1000 रुपये के पार पहुंच गया है। देश के अधिकांश शहरों में पेट्रोल 100 के पार है। वहीं, मुंबई में पावर पेट्रोल 124.80 रुपये मिल रहा है। ईंधन की महंगाई ने ट्रांसपोर्टेशन लागत बढ़ी है। यह आम आदमी के बजट पर बड़ा बोझ बढ़ाने का काम किया है।
2. खाने-पीने की महंगाई: अनाज, सब्जियों, खाद्य तेल और ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से खुदरा महंगाई दर अप्रैल में 7.79 फीसदी पर पहुंच गई है। थोक महंगाई भी रिकॉर्ड हाई पर है। इसके चलते खाने के तेल, ब्रेड, बिस्कुट से लेकर सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। मौजूदा दौर में खाने-पीने की महंगाई वह दूसरा घटक है जिसने आम आदमी को परेशान कर रखा है।
3. मेडिकल इन्फ्लेशन: कोरोना के बाद इलाज का खर्च काफी तेजी से बढ़ा है। अगर देश में मेडिकल इन्फ्लेशन को देंखे तो यह दुनिया के कई विकसित देशों से काफी अधिक है। इससे लोगों की परेशानी काफी बढ़ी है। कोरोना के बाद से दवा से लेकर अस्पताल का खर्च काफी बढ़ा है।
4. हाउहोल्ड इन्फ्लेशन: कोरोना से राहत के बाद लोगों की जिंदगी में बड़े बदलाव आए हैं। लोगों का रहन-सहन अब बदल गया है। लोग अब घूमने-फिरने, शॉपिंग, सिनेमा देखने आदि पर खर्च करने लगे हैं। हालांकि, कपड़े से लेकर जूते और सिनेमा हॉल में टिकटों के दाम पहले मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। यह भी परेशानी बढ़ाने का काम कर रहा है।
5. एजुकेशनल इंफ्लेशन: हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे स्कूल और कॉलेज में पढ़ाना चाहता है। हालांकि, स्कूल और कॉलेज के फीस में असमान बढ़ोतरी ने गार्जियन की चिंता बढ़ा दी है। बीते एक साल में एजुकेशन इन्फ्लेशन 10 से 20 फीसदी पहुंच चुकी है, जो हाउसहोल्ड इंफ्लेशन से दोगुना है। ऐसे में अपने बच्चे तो बेहतर शिक्षा देने में माता-पिता की हालत पतली हो गई है।