कोरोना महामारी के बाद बड़े साइज के घरों की मांग बनी हुई है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और संपत्ति सलाहकार एनारॉक के एक सर्वे में यह जानकारी मिली है। सर्वे के अनुसार, देश के 42 प्रतिशत प्रतिभागियों ने 3बीएचके (तीन कमरों वाले घर) 40 प्रतिशत ने 2बीएचके, 12 प्रतिशत ने 1बीएचके और छह प्रतिशत 3बीएचके से अधिक की जगह वाले घर की तलाश में हैं। इसमें यह भी पाया गया कि घर खरीदने के इच्छुक 58 प्रतिशत लोग उन संपत्तियों को खरीदना चाहते हैं जिनकी कीमतें 45 लाख रुपये से 1ण-5 करोड़ रुपये के बीच है। वहीं 36 प्रतिशत प्रतिभागियों ने एक साल के भीतर तैयार होने वाले घरों को लेना चाहते हैं।
होम लोन महंगा होने से खरीदने के फैसले पर असर
घर खरीदने को इच्छुक 95 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना है कि आवास ऋण (होम लोन) पर इस साल और ब्याज दर बढ़ने से मकान खरीदने का उनका निर्णय प्रभावित होगा। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और संपत्ति सलाहकार एनारॉक के एक सर्वे में यह कहा गया है। सीआईआई के मुंबई में मंगलवार को रियल एस्टेट पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान 'आवासीय बाजार में तेजी' शीर्षक से रिपोर्ट जारी की गयी। एनारॉक ने बयान में कहा, ''इस सर्वेक्षण में कुल 4,662 लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वेक्षण में शामिल 96 प्रतिशत खरीदारों का मानना है कि आवास ऋण पर ब्याज दर और बढ़ने से घर खरीदने के फैसले पर असर पड़ेगा। आवास ऋण की ऊंची दर भविष्य में उनके घर खरीदने के निर्णय को प्रभावित करेगी।'' हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति में बाजार की उम्मीदों के विपरीत रेपो दर को अपरिवर्तित रखा। सर्वेक्षण के अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक घर खरीदारों के लिए आवास ऋण पर ब्याज के अलावा ऊंची कीमत एक महत्वपूर्ण कारक बनी हुई है। पिछले एक साल में संपत्ति की मूल लागत में वृद्धि हुई है।
बड़ी कार की तरह अब सबको घर भी बड़े चाहिए
रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि अब बड़ी कार की तरह ही लोगों को बड़े साइज के घर पसंद आ रहे हैं। जिस तरह से सड़कों पर लंबी-लंबी और महंगी गाड़ियां दिखाई देती हैं और छोटी गाड़ियां की संख्या सीमित हो रही है, उसी तरह अब बड़े घर की मांग है। यह बदलाव कोरोना महामारी के बाद आया है। कोरोना में घर ही आॅफिस की जरूरत को पूरा किया था। इसके बाद से लोगों अपनी भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बड़े साइज घर खरीद रहें हैं। आप देंखे तो रियल्टी बाजार में महंगे फ्लैट खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ी है। 1 करोड़ से 1.5 करोड़ कीमत वाले फ्लैट की मांग सबसे अधिक है। अब लोगों की पहली पसंद सारी सुविधाएं वाली सोसाइटी हो गई है। इसको ध्यान में रखकर बिल्डर भी लग्जुरियस फ्लैट बना रहें हैं।
बड़े घरों की मांग कम नहीं हुई
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि लागत वृद्धि के बावजूद बड़े घरों की मांग कम नहीं हुई है। सर्वे में शामिल एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ''आवास ऋण पर ब्याज दर बढ़ना समग्र मांग परिदृश्य का एक हिस्सा है। हाल ही में बड़े और छोटे दोनों स्तर की कंपनियों में हुई छंटनी संभवत: आगामी दो तिमाहियों में मांग को प्रभावित करेगी और आवास बाजार की वृद्धि को कुछ हद तक धीमा कर देगी।'' पुरी ने कहा, ''बाजार में मौजूदा उथल-पुथल के वित्त वर्ष 2024-25 तक खत्म हो जाने और बाजार में फिर से मांग बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि आवास की मांग कुछ समय के लिए रुकेगी लेकिन कभी खत्म नहीं होगी।''
इंडिपेंडेंट फ़्लोर होमबॉयर्स के बीच सबसे पसंदीदा
सारांश त्रेहान, मैनेजिंग डायरेक्टर, त्रेहान ग्रुप ने कहा कि हाल की एनारॉक रिपोर्ट के अनुसार, एनसीआर में विशेष रूप से 3बीएचके होम कैटेगरी में रेसिडेंशियल हाउसिंग की भारी मांग देखी जा रही है। गुरुग्राम अपने आप मे एक केंद्र है जिसने बड़े घरों की मांग को आकार दिया है। गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड और सोहना क्षेत्र तेजी से विकसित होने वाले कॉरिडोर एक महत्वपूर्ण रेसिडेंशियल डिमांड के दौर से गुजर रहे हैं। अगर हम विशेष रूप से बात करें तो 3 बीएचके में भी इंडिपेंडेंट फ़्लोर होमबॉयर्स के बीच सबसे पसंदीदा निवेश श्रेणी बनकर उभरी हैं। मिलेनियल्स घरेलू निवेश करने में विश्वास करते हैं जो भविष्य के उच्च रिटर्न का आश्वासन देता है, जो स्वाभाविक रूप से बड़े घरों के पक्ष में उनके स्वाद को बदल देता है।
वर्क फ्रॉम होम मॉडल ने बड़े घरों की मांग को बढ़ावा दिया
विकास गर्ग, जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, गंगा रियल्टी ने कहा कि "3बीएचके की मांग तेजी से बढ़ रही है। हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि 3बीएचके फ्लैट हमारी रेसिडेंशियल परियोजना की सबसे तेजी से बिकने वाली पेशकश थी, जिसे एक महीने पहले लॉन्च किया गया था। मिलेनियल्स विशेष रूप से बड़े घरों के लिए एक प्राथमिकता दिखा रहे हैं। हाइब्रिड कार्य सेटिंग्स और वर्क फ्रॉम होम मॉडल ने बड़े घरों की मांग को बढ़ावा दिया है क्योंकि वे अपने काम को कुशलतापूर्वक और आराम से करने के लिए बड़े आवास और अतिरिक्त जगह चाहते हैं। इसके अलावा एन्ड यूजर बायर्स बड़े घरों की चाह रखते हुए ही 3 और 4बीएचके खरीद रहे हैं।"
होमबॉयर्स लंबी अवधि के नजरिए से खरीदारी कर रहे
सुलेख जैन, चेयरमैन, डीपीएल होम्स ने कहा कि "बड़े घरों की डिमांड न केवल मेट्रो शहरों में है, बल्कि हरियाणा में धारूहेड़ा, सोहना-दौसा खंड जैसे तेजी से विकसित हो रहे रियल एस्टेट क्षेत्रों में भी है। जिसकी वजह है की होमबॉयर्स लंबी अवधि के नजरिए से खरीदारी कर रहे हैं। इसलिए वे बड़े कॉन्फ़िगरेशन वाले अपार्टमेंट के लिए जा रहे हैं जो उन्हें आराम और विविधता के साथ रहने की अनुमति देता है। नए रियल एस्टेट क्षेत्र जो कनेक्टिविटी के कारण ज्यादा डिमांड में रहे हैं, वे भी आर्थिक निवेश के रूप में सामने आ रहे हैं और इसलिए इन स्थानों में निवेश में वृद्धि हो रही है।