Highlights
- बासमती और गैर बासमती चावल का निर्यात बैन करने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है
- बासमती और गैर बासमती चावल की आपूर्ति और कीमतें नियंत्रण में हैं
- भारत ने 6.11 अरब अमेरिकी डॉलर के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया
गेहूं और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद अब कारोबारियों के बीच इस बात की अफवाह फैल रही है कि क्या सरकार अब चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा देगी। अब इस पर सरकार की सफाई आई है। सरकार ने निर्यात बैन की किसी भी खबर का खंडन किया है। सरकार ने साफ किया है कि बासमती और गैर बासमती चावल का निर्यात बैन करने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने या उनके निर्यात को सीमित करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि चावल की आपूर्ति और कीमतें नियंत्रण में हैं। इससे पहले सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था और एहतियाती कदम के रूप में चीनी विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी के निर्यात को एक करोड़ टन तक सीमित कर दिया था।
गेहूं और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद अब कारोबारियों के बीच इस बात की अफवाह फैल रही है कि क्या सरकार अब चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा देगी। अब इस पर सरकार की सफाई आई है। सरकार ने निर्यात बैन की किसी भी खबर का खंड किया है। सरकार ने साफ किया है कि बासमती और गैर बासमती चावल का निर्यात बैन करने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने या उनके निर्यात को सीमित करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि चावल की आपूर्ति और कीमतें नियंत्रण में हैं। इससे पहले सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था और एहतियाती कदम के रूप में चीनी विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी के निर्यात को एक करोड़ टन तक सीमित कर दिया था।
एक्सपोर्ट बैन की अफवाह
कारोबारियों के बीच अफवाह फैल रही थी कि चावल के निर्यात को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इस खबर के बीच यह टिप्पणी आई है। अधिकारी ने कहा, ‘‘किसी भी तरह के चावल के निर्यात को विनियमित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। हमारे गोदामों में और यहां तक कि निजी व्यापारियों के पास भी पर्याप्त भंडार है। घरेलू कीमतें भी अभी नियंत्रण में हैं।’’
150 देश खाते हैं भारत का चावल
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक है। भारत ने 2021-22 में 6.11 अरब अमेरिकी डॉलर के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया था। इस दौरान 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया।
कारोबारियों के बीच अफवाह फैल रही थी कि चावल के निर्यात को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इस खबर के बीच यह टिप्पणी आई है। अधिकारी ने कहा, ‘‘किसी भी तरह के चावल के निर्यात को विनियमित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। हमारे गोदामों में और यहां तक कि निजी व्यापारियों के पास भी पर्याप्त भंडार है। घरेलू कीमतें भी अभी नियंत्रण में हैं।’’
150 देश खाते हैं भारत का चावल
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक है। भारत ने 2021-22 में 6.11 अरब अमेरिकी डॉलर के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया था। इस दौरान 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया।