यदि आप अक्सर हवाई जहाज से सफर करते हैं तो आपको एक परेशानी का सामना तो जरुर करना पड़ता होगा। आपको सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान अपना मोबाइल और लैपटॉप बाहर निकालकर ट्रेन में रखना होता है। यह काम काफी झंझट भरा होता है, साथ ही इसके चलते व्यक्त टाइमिंग में काउंटर पर लंबी कतारें भी लग जाती है। लेकिन अब जल्द ही आपको इस उबाउ झंझट से निजात मिलने जा रही है। अब आपको लैपटॉप, मोबाइल, चार्जर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान को हैंड बैग से निकालकर अलग ट्रे में डालने की जरूरत नहीं होगी।
अब लगेंगे 3D स्कैनर
आपको इस झंझट से उबारने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी सिस्टम में बदलाव लाने की तैयारी कर रही है। इस साल के अंत तक देश के सभी बड़े एयरपोर्ट्स पर 3D CTX मशीन इंस्टॉल करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इससे आपको गैजेट्स और लिक्विड आइटम्स को अलग ट्रे में निकाल कर रखने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
अभी क्यों अलग निकालने पड़ते हैं गैजेट
मौजूदा व्यवस्था के तहत हवाईअड्डों पर 2डी एक्सरे मशीनें लगी हैं। जो आपके बैग के अंदर रखे सामान की 2डी छवि प्रदान करती हैं। इस कारण इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट या लिक्विड सामान को अलग ट्रे में निकालकर रखना पड़ता है। अब ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने देश के ऐसे बड़े एयरपोर्ट को जहां हर साल 50 लाख से अधिक पैसेंजर्स ट्रैवल करते हैं, वहां कैबिन बैग्स की चेकिंग के लिए इस साल के अंत तक 3D कंप्यूटेड टोमोग्राफी एक्सरे मशीन लगाने को कहा है।
दिल्ली मुंबई जैसे एयरपोर्ट पर लगेंगे बॉडी स्कैनर्स
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने अपने आदेश में कहा है कि देश के वे एयरपोर्ट जहां पैसेंजर्स की संख्या एक करोड़ या उससे अधिक है, ऐसे अति संवेदनशील एयरपोर्ट्स को इस साल के अंत तक फुल बॉडी स्कैनर्स टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया है। बता दें कि ये स्कैनर्स 2020 में ही इंस्टॉल होने थे। लेकिन कोरोना वायरस के चलते इसे बार बार टाला जा रहा था। लेकिन अब इसके लिए 31 दिसंबर की डेडलाइन तय की गई है।