केंद्र सरकार पर अक्सर विपक्षी दल यह आरोप लगते हैं कि सरकार सिर्फ एक खास वर्ग को ध्यान में रखकर फैसले ले रही है और अल्पसंख्यक एवं अन्य पिछड़े समुदायों को सरकार की स्कीमों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PMEAC) के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सरकार ने सभी समुदाय के लोगों के लिये काम किया है और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि केवल किसी एक वर्ग के लिये योजनाएं चलायी गयीं। कुछ मामलों में देखा गया कि बिजली कनेक्शन और बैंक खाते खोले जाने जैसी योजनाओं से अल्पसंख्यक समुदाय को ज्यादा लाभ हुआ।
PMEAC की सदस्य शमिका रवि (Shamika Ravi) ने ‘ए सेक्युलर डेमोक्रेसी इन प्रैक्टिसरू ऑब्जेक्टिव असेसमेंट ऑफ अमेनिटीज प्रोग्राम्स इन इंडिया’ शीर्षक से लिखे कार्यपत्र में क्रमशः 2015-16 और 2019-21 में आयोजित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के चौथे और पांचवें दौर के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। अध्ययन में जोर 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों पर था।
अध्ययन में हुए कई बड़े खुलासे
सरकार के इस अध्ययन में कहा गया है, ‘‘वर्ष 2015-16 और 2019-21 में 12 लाख से अधिक अधिक घरों के राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि नमूने के आधार पर, हमें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि सरकार ने केवल एक समुदाय (हिंदू बहुसंख्यक) के हितों को पूरा किया या जिलों के आधार पर वैसे परिवार के स्तर पर भेदभाव किया जहां एक धार्मिक समुदाय का दबदबा था।’’
अल्पसंख्यकों को मिल रहा है लाभ
अध्ययन में पाया गया है कि बिजली, बैंक खाता, मोबाइल और शौचालय के संदर्भ में लाभ सभी समुदाय के लोगों को मिला। इसमें कहा गया है, ‘‘वास्तव में, कुछ मामलों में अल्पसंख्यक समुदाय को बहुसंख्यक समुदाय से ज्यादा लाभ मिला। हालांकि, सरकार को एलपीजी और घर तक पानी पहुंचाने जैसी सुविधाओं पर ध्यान देकर विभिन्न धर्मों और सामाजिक समूह के सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवारों के उत्थान के लिये और अधिक काम करने की जरूरत है।’’
आइए जानते हैं इस अध्ययन के कुछ प्रमुख रिजल्ट
- बैंक खातेः अध्ययन में बैंक खातों तक पहुंच के संबंध में कहा गया है कि कुल मिलाकर सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवारों में से 74 प्रतिशत के पास 2015-16 में बैंक खाते थे, जो 2019-21 में बढ़कर 93 प्रतिशत हो गये। कार्य पत्र के अनुसार जो लक्ष्य हासिल हुए, वह सभी धर्मों को मिलाकर 73 प्रतिशत रहा। हालांकि, सबसे ज्यादा लाभ मुस्लिम समुदाय को मिला। उनके मामले में यह 77 प्रतिशत रहा। विभिन्न सामाजिक समूहों के मामले में लक्ष्य उपलब्धि ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के बीच सबसे अधिक 75 प्रतिशत और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मामले में 70 प्रतिशत से अधिक थी।
- बिजली कनेक्शनः घरों में बिजली की पहुंच के मामले में सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवारों में से 53 प्रतिशत के पास 2015-16 में बिजली की सुविधा थी। वर्ष 2019-21 में यह बढ़कर 85 प्रतिशत हो गई। इसमें कहा गया है कि भले ही इसका लाभ सभी धर्म और समुदाय के लोगों को मिला लेकिन सर्वाधिक गरीब 20 प्रतिशत मुस्लिम परिवारों के मामले में उपलब्धि 71 प्रतिशत रही।