अपनी बेबाक अंदाज में बात रखने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा है कि अगर सड़कें अच्छी हालत में नहीं हैं तो राजमार्ग का संचालन करने वाली एजेंसियों को यूजर्स से टोल नहीं वसूलना चाहिए। गडकरी सैटेलाइट-आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम पर आयोजित एक ग्लोबल वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। भाषा की खबर के मुताबिक, इस प्रणाली को चालू वित्त वर्ष में ही 5,000 किलोमीटर से अधिक लंबे राजमार्गों पर लागू किया जाना है।
ऐसे में लोगों की प्रतिक्रिया का भी सामना करना होगा
खबर के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि अगर आप अच्छी क्वालिटी वाली सर्विस नहीं देते हैं, तो आपको टोल नहीं वसूलना चाहिए। हम यूजर्स से शुल्क वसूलने और अपने हितों को सुरक्षित रखने के लिए टोल वसूलने की जल्दबाजी में हैं। उन्होंने कहा कि आपको उसी जगह पर उपयोगकर्ता शुल्क वसूलना चाहिए, जहां आप सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली सड़क मुहैया करा रहे हैं। अगर आप गड्ढों और कीचड़ वाली सड़कों पर भी टोल वसूलते हैं, तो आपकों लोगों की प्रतिक्रिया का भी सामना करना होगा।
एनएचएआई कर रहा ये तैयारी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) मौजूदा फास्टैग व्यवस्था के भीतर ही वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) व्यवस्था लागू करने की योजना बना रहा है। इसमें शुरुआत में हाइब्रिड मॉडल का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें रेडियो आवृत्ति पहचान (आरएफआईडी) पर आधारित टोल संग्रह और जीएनएसएस-आधारित टोल प्रणाली दोनों एक साथ काम करेंगी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बड़े पैमाने पर लागू करने और निजता संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पहले इसे वाणिज्यिक वाहनों पर लागू करने की बात कही है। बाद में इस व्यवस्था को निजी वाहनों पर भी लागू करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही एनएचएआई ने धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए ड्राइवर के व्यवहार का विश्लेषण और आंकड़ों के विश्लेषण की भी सिफारिश की है।