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कर्ज में डुबे राज्यों को मुफ्त की रेवड़ी पर Niti Aayog ने चेताया, कही ये बात

देश के विभिन्न राज्यों की सरकारें जनता को मुफ्त में चीजें बांट रही है। दिल्ली की सरकार (Delhi Gov) बिजली, पानी, इलाज और बस पर महिलाओं को मुफ्त में सफर करा रही है। नीति आयोग (Niti Aayog) ने दिल्ली समते देश के उन सभी राज्यों को मुफ्त की रेवड़ी बांटने पर चेताया है

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: August 14, 2022 16:24 IST
कर्ज में डुबे राज्यों...- India TV Paisa
Photo:FILE कर्ज में डुबे राज्यों को मुफ्त की रेवड़ी पर Niti Aayog ने चेताया

Highlights

  • दिल्ली समते देश के उन सभी राज्यों को मुफ्त की रेवड़ी बांटने पर चेताया
  • श्रीलंका से भारत की तुलना ठीक नहीं
  • भारत में मंदी आने की कोई संभावना नहीं

Niti Aayog: देश के विभिन्न राज्यों की सरकारें जनता को मुफ्त में चीजें बांट रही है। दिल्ली की सरकार (Delhi Gov) बिजली, पानी, इलाज और बस पर महिलाओं को मुफ्त में सफर करा रही है। नीति आयोग (Niti Aayog) ने दिल्ली समते देश के उन सभी राज्यों को मुफ्त की रेवड़ी बांटने पर चेताया है और भविष्य में आने वाले संकट को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है।

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार का मानना है कि राज्य सरकारों को अपनी राजकोषीय क्षमताओं से इतर मुफ्त सौगात नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षमता से बाहर जाकर उपहार या टिकाऊ उपभोक्ता सामान मुफ्त में देना कतई सही नहीं है। पात्रता के आधार पर अंतरण भुगतान और सरकार की राजकोषीय क्षमता से इतर दी जाने वाली मुफ्त सौगातों में अंतर है। 

श्रीलंका से भारत की तुलना ठीक नहीं

मुफ्त उपहार या टिकाऊ उपभोक्ता सामान को सौगात में देने की प्रकृति ऐसी है, जिसकी जरूरत नहीं है। किसी भी मामले में ऐसा काम उन सरकारों को नहीं करना चाहिए जो राजकोषीय घाटा से जूझ रही हों। कुछ राजनेताओं द्वारा भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति की तुलना श्रीलंका से किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि ऐसी कोई भी तुलना कई स्तरों पर अनुचित और शरारती है। श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और भारत उसे आर्थिक सहायता दे रहा है। उन्होंने कहा कि नॉर्डिक देशों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में कर का अनुपात लगभग 50 प्रतिशत है क्योंकि वे आम लोगों को सार्वजनिक सेवाएं एवं सामान मुहैया कराने में बहुत सारा पैसा खर्च करते हैं। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि यह ऐसी बात नहीं है जिसपर हमें चर्चा या बहस करनी चाहिए।

आत्मनिर्भर बनने के सफर पर होगा असर

आम आदमी, खासकर निचले तबके के लोगों के लिए सार्वजनिक वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को बढ़ाना काफी अहम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सरकारों की तरफ से लोगों को मुफ्त उपहार देने की प्रवृत्ति को ‘रेवड़ी बांटना’ बताते हुए इसकी आलोचना की थी। उन्होंने इसे करदाताओं के पैसे की बर्बादी के साथ ही एक आर्थिक आपदा भी बताया था जो भारत के आत्मनिर्भर बनने के सफर पर असर डाल सकता है। 

जब उनसे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नीति आयोग के बारे में आए बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राव अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं। राव ने नीति आयोग को एक अनुपयोगी संस्था बताते हुए इसके संचालन परिषद की बैठक का पिछले हफ्ते बहिष्कार किया था। इस पर कुमार ने कहा, ‘‘सच तो यह है कि संचालन परिषद की बैठक में लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। यह दिखाता है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री की राय से अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री इत्तेफाक नहीं रखते हैं।’’ 

भारत में मंदी आने की कोई संभावना नहीं

भारत की मौजूदा वृहद-आर्थिक स्थिति पर उन्होंने कहा कि किसी भी समय पूरे देश में मंदी आने का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से मंदी तब होती है जब कोई देश लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक वृद्धि का गवाह बनता है। कुमार ने कहा कि भारत के मामले में मैं ऐसा होते हुए नहीं देख रहा हूं। लिहाजा मेरे मन में यह पूरी तरह साफ है कि भारत किसी भी मंदी के दबाव का सामना नहीं करेगा।

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