भारतीय जनता पार्टी की सीनियर लीडर निर्मला सीतारमण ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए वित्त मंत्रालय का कार्यभार बुधवार को संभाल लिया। वह जल्द ही वित्त वर्ष 2025 के लिए अंतिम बजट पेश करेंगी। यह बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली तीसरी सरकार की प्राथमिकता और विकसित भारत की दिशा तय करेगा। नॉर्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय में वित्त सचिव टी.वी.सोमनाथन और दूसरे बड़े अधिकारियों ने सीतारमण का स्वागत किया। भाषा की खबर के मुताबिक, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी इस दौरान मौजूद थे। चौधरी ने मंगलवार की शाम को पदभार ग्रहण किया।
2014 से किए गए सुधार जारी रहेंगे
खबर के मुताबिक, आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कार्यभार संभालने के बाद वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री को अलग-अलग विभागों के सचिवों द्वारा मौजूदा नीतिगत मुद्दों की जानकारी दी गई। सीतारमण ने कहा कि सरकार अपने नागरिकों के जीवन की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस संबंध में आगे भी कदम उठाती रहेगी। उन्होंने कहा कि 2014 से किए गए सुधार जारी रहेंगे, जिससे भारत व्यापक आर्थिक स्थिरता और वृद्धि हासिल करेगा। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों के बीच हाल के वर्षों में भारत की सराहनीय वृद्धि गाथा को रेखांकित किया और कहा कि आने वाले वर्षों के लिए आर्थिक दृष्टिकोण आशावादी है।
सीतारमण ने सबसे की ये अपील
सीतारमण ने विभागों से राजग सरकार के विकास एजेंडे को नए जोश के साथ आगे बढ़ाने तथा प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए उत्तरदायी नीति निर्माण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। सीतारमण ने कहा कि सरकार ‘ सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ में विश्वास रखती है। उन्होंने मजबूत और जीवंत अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उद्योग जगत के लोगों, नियामकों और नागरिकों सहित सभी हितधारकों से निरंतर समर्थन व सहयोग का आह्वान किया।
लगातार सातवां बजट पेश करेंगी
सीतारमण लगातार सातवां बजट और लगातार छठा पूर्ण बजट पेश करके एक रिकॉर्ड बनाएंगी। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट अगले महीने, नवगठित 18वीं लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है। सीतारमण के नाम मोदी सरकार में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए मंत्री के रूप में शामिल होने वाली पहली महिला बनने का रिकॉर्ड भी है। अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। 2017 में वह पहली महिला रक्षा मंत्री बनी। इससे पहले वह उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री थीं।
स्वतंत्र भारत में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री
अरुण जेटली (वित्त मंत्री 2014-19) के बीमार होने पर सीतारमण ने 2019 के आम चुनाव के बाद नव निर्वाचित मोदी सरकार में वित्त विभाग का प्रभार संभाला था। वह स्वतंत्र भारत में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं। इससे पहले, इंदिरा गांधी ने भारत की प्रधानमंत्री रहते हुए थोड़े समय के लिए अतिरिक्त विभाग के रूप में वित्त का कार्यभार संभाला था। सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को मदुरै में रेलवे में कार्यरत नारायण सीतारमण और सावित्री के घर हुआ था। सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और एम.फिल की है।
राजनीति से पहले कॉरपोरेट जगत से था नाता
राजनीति में आने से पहले सीतारमण ब्रिटेन में कॉरपोरेट जगत का हिस्सा थीं, जहां वह अपने पति परकाला प्रभाकर के साथ रह रही थीं। दोनों की मुलाकात जेएनयू में पढ़ाई के दौरान हुई और 1986 में दोनों ने शादी कर ली। उनकी एक बेटी परकाला वांगमयी है। सीतारमण ने हैदराबाद में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी स्टडीज की उप निदेशक के रूप में कार्य किया। शहर में उन्होंने एक स्कूल भी शुरू किया। वह 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रहीं।