Highlights
- स्वचालित ’नंबर प्लेट पहचान प्रणाली’ के उपयोग के लिए ’पायलट प्रोजेक्ट’
- ऑटोमोबाइल नंबर प्लेट तकनीक या ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा पेश
- Fastag से टोल आय में सालाना 15,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई
टोल प्लाजा पर फास्टैग (Fastag) का प्रचलन शुरू हुए अभी ज्यादा वक्त बीता नहीं है, कि सरकार अब इससे भी एडवांस तकनीक पेश करने की कोशिश कर रही है। जल्द ही हो सकता है कि आपको सड़क पर टोल प्लाजा (Toll Plaza) का नामो निशान न मिले। लेकिन ऐसा नहीं है कि आपको टोल (Toll) से आजादी मिल जाएगी। दरअसल बिना टोल प्लाजा पर रुके आपके खाते से पैसे कट जाएंगे।
क्या है ये ऑटोमैटिक सिस्टम
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार टोल प्लाजा की जगह स्वचालित ’नंबर प्लेट पहचान प्रणाली’ के उपयोग के लिए ’पायलट प्रोजेक्ट’ पर काम कर रही है। इसकी जानकारी देते हुए गडकरी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से वाहन मालिकों के बैंक खातों से सीधे शुल्क की कटौती की जा सकेगी।
फास्टैग से 15000 करोड़ बढ़ी टोल इनकम
गडकरी ने कहा कि फास्टैग की शुरुआत के बाद, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टोल आय में सालाना 15,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। फास्टैग की शुरुआत के साथ वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान वाहनों के लिए औसत प्रतीक्षा समय में कमी आयी। यह घटकर 47 सेकंड हो गया। हालांकि यह कुछ स्थानों पर, विशेष रूप से घनी आबादी वाले शहरों में प्रतीक्षा समय में काफी सुधार देखा गया। इसके बावजूद व्यस्त समय के दौरान टोल प्लाजा पर कुछ देरी होती है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों का औसत प्रतीक्षा समय आठ मिनट था।
कैसे काम करेगी नंबर प्लेट तकनीक
गडकरी ने कहा, ’हम अब ऑटोमोबाइल नंबर प्लेट तकनीक या ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा पेश करने जा रहे हैं। इसके बाद किसी टोल प्लाजा की जरूरत नहीं होगी। यहां हाइवे पर लगे कैमरे सड़क पर चल रहे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे। इसके बाद सीधे आपकी नंबर प्लेट से लिंक बैंक अकाउंट से पैसे कट जाएंगे।
सरकार के पास हैं दो विकल्प
गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार अब दो विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला उपग्रह आधारित टोल प्रणाली जहां एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक खाते से लिया जाएगा और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट पहचान के जरिए शुल्क लेना है। उन्होंने कहा, ’हम उपग्रह का इस्तेमाल करते समय फास्टैग की जगह जीपीएस लगाने की प्रक्रिया में हैं। वहीं देश में नंबर प्लेट पर भी अच्छी तकनीक उपलब्ध है।’
क्या गाड़ियों में नई नंबर प्लेट लगेंगी
हां, इसके लिए गाड़ियों में हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HSRP लगेंगी। इस तरह के नंबर प्लेट्स से गाड़ी से जुड़ी सभी जानकारी मिल जाती है। सरकार इन विशेष नंबर प्लेट को लगाने की शुरुआत 2019 में ही कर चुकी है। सरकार ने तब सभी पैसेंजर व्हीकल को कंपनी फिटेड नंबर प्लेट्स लगाने को कहा था। सरकार की जल्द ही सभी गाड़ियों से पुराने नंबर प्लेट्स को HSPR यानी नए नंबर प्लेट्स से रिप्लेस करने की योजना है।