केंद्र की मोदी सरकार की ओर से सरकारी महिला कर्मचारियों की पेंशन को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। इसके बाद महिला सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नॉमिनी बना पाएगी। इसे महिला कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। इससे अब उन्हें पेंशन के लिए बच्चों को नॉमिनी बनना आसान हो जाएगा।
पहले क्या था नियम?
इससे पहले किसी मौजूदा सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी सरकारी कर्मचारी की मृत्यू होने पर पेंशन उसके पति या पत्नि को दी जाती है। परिवार को कोई अन्य सदस्य (बच्चों समेत) पेंशन के लिए तभी पात्र बन सकता था, जब सरकारी कर्मचारी के जीवनसाथी की मृत्यू हो जाती है या उसे किसी कारण से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। बता दें,केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 के तहत सरकारी कर्मचारी या पेंशभोगी कर्मचारी की मृत्यू के बाद आश्रितों को पेंशन देने का प्रावधान है।
डीओपीपीडब्लू ने दी जानकारी
डीओपीपीडब्लू यानी पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की ओर से बताया कि नया नियम महिला कर्मचारियों के पेंशन के लिए पति की अपेक्षा बच्चों को नॉमिनी बनाने की अनुमति देता है। डीओपीपीडब्लू के सेक्रेटरी वी श्रीनिवास की ओर से कहा गया कि महिला व बाल विकास मंत्रालय की सलाह के बाद महिला कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। ये संशोधन महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाएगा।
डीओपीपीडब्लू ने अपने आदेश में कहा कि वे सरकारी महिला कर्मचारी जिनकी तलाक की अर्जी लंबित है या पति के खिलाफ घरेलू हिंसा या दहेज का मामला दर्ज कराया है तो ऐसी महिला सरकारी कर्मचारी अपनी पेंशन में बच्चों को नॉमिनी बना सकती है। बता दें, नए नियम के तहत सरकारी महिला कर्मचारी अपने एक अधिक बच्चे को पेंशन में नॉमिनी बना सकती हैं। इससे परिवारिक विवाद में फंसी महिलाओं को काफी फायदा मिलेगा।