टमाटर की महंगाई के बीच भारत को इसे निर्यात कर भले ही नेपाल ने हमें राहत दी हो, लेकिन भारत सरकार के एक कदम से खुद नेपाल भारी समस्या में घिर गया है। भारत के प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के बाद नेपाल प्याज की भारी कमी का सामना कर रहा है। नेपाल के प्रमुख समाचार पत्र ‘काठमांडू पोस्ट’ की खबर के अनुसार, भारत ने पिछले सप्ताह विदेशी बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए 31 दिसंबर तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था। यह कदम आगामी त्योहारों के मद्देजनर कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच उठाया गया।
भारत के 40 प्रतिशत निर्यात कर लगाने का असर सबसे अधिक नेपाल पर पड़ा। नेपाल के सबसे बड़े थोक बाजार ‘कालीमाटी फल व सब्जी बाजार’ में कई व्यापारियों ने प्याज की अचानक कमी की सूचना दी है। खबर में देश के सबसे बड़े थोक बाजार के सूचना अधिकारी बिनय श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘ नेपाल के बाजारों में प्याज की भारी कमी हो गई है। रविवार के बाद से प्याज की कोई खेप वितरित नहीं की गई और बचा हुआ भंडार सोमवार तक खाली हो जाएगा।’’
दो हफ्ते पहले प्याज की कीमत 54 रुपये प्रति किलोग्राम थी, लेकिन अब काठमांडू घाटी में प्याज की खुदरा कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई है। नेपाल करीब-करीब पूरी तरह प्याज की अपनी आवश्यकताओं के लिए भारत पर निर्भर है। निर्यात कर से घरेलू बाजार में इसकी भारी कमी हो गई है। श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘ कीमतें और बढ़ सकती हैं। हालांकि हम यह नहीं बता सकते कि कितनी।’’
आलू-प्याज आयात-निर्यात एवं थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष मोहन बनिया ने कहा कि नया भारतीय कर लागू होने के बाद सोमवार को कालीमाटी बाजार में प्याज की थोक कीमत बढ़कर 78 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।