राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बुधवार को ऋण शोधन कार्यवाही शुरू करने को लेकर स्वेच्छा से दायर गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार कर ली। इसके साथ ही अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंग सुधाकर तथा एल एन गुप्ता की पीठ ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिये अभिलाष लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया। पीठ ने कंपनी को किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से संरक्षण भी दिया और ऋण शोधन कार्यवाही के दौरान उसे चलाने के लिये निलंबित निदेशक मंडल से समाधान पेशेवर की मदद करने को कहा। इसके अलावा, एनसीएलटी ने कंपनी को परिचालन में बनाये रखने और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करने के साथ किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने को कहा है।
4 चार मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था
न्यायाधिकरण ने वाडिया समूह की एयरलाइन कंपनी तथा विमान पट्टे पर देने वाली इकाइयों की दलीलों को सुनने के बाद चार मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों ने याचिका का विरोध करते हुए अंतरिम सरंक्षण देने का आग्रह किया था। गो फर्स्ट ने 17 साल से अधिक समय पहले उड़ान भरना शुरू किया था। एयरलाइन ने वित्तीय संकट के बीच तीन मई से उड़ानों का परिचालन रोक दिया। प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन आपूर्ति नहीं होने के कारण कंपनी के बेड़े में शामिल आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे थे।
11,463 करोड़ का कर्ज एयरलाइन पर
एयरलाइन पर कुल देनदारी 11,463 करोड़ रुपये है। उसने स्वैच्छिक रूप से दिवाला कार्यवाही के लिये आवेदन दिया। साथ ही वित्तीय बाध्यताओं पर अंतरिम रोक का आग्रह किया। गो फर्स्ट पहले ही 15 मई तक टिकट की बिक्री निलंबित कर चुकी है।