इसबगोल का उपयोग अक्सर पेट के हाजमे को दुरुस्त करने के लिए किया जाता है। लेकिन अब यही इसबगोल आपके लिए पैसे भी कमा सकता है। दरअसल नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) ने बुधवार को इसबगोल के बीज का फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट शुरू कर दिया है। NCDEX ने गुजरात के उंझा को इसका वितरण केंद्र बनाया है।
NCDEX ने कहा कि भारत सालाना 1,50,000 से 2,00,000 टन इसबगोल के बीज का उत्पादन करता है, जो वैश्विक उत्पादन का 80 प्रतिशत है। गुजरात देश के इसबगोल उत्पादन में 80 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश का स्थान है।
क्यों किया गया शामिल
NCDEX के मुख्य कारोबार अधिकारी, कपिल देव ने कहा ने कहा, ‘‘विदेशी निर्यात खेप में वृद्धि के साथ इसबगोल भारत की कृषि निर्यात वस्तुओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। निर्यातकों और व्यापारियों के लिए इस कृषि उपज के उतार-चढ़ाव भरे वातावरण में मूल्य जोखिम का प्रबंधन करने के लिए समान रूप से मजबूत तंत्र होना जरूरी था।’’
कैसे होगा ट्रेड
बयान में कहा गया है कि इसबगोल बीज अनुबंध एक अनिवार्य डिलीवरी-बेस्ड कॉन्ट्रेक्ट होगा और उंझा आधार केंद्र पर माल एवं सेवा कर (GST) को छोड़कर इसमें गोदाम में कीमतों पर कारोबार किया जाएगा, और इसकी दैनिक मूल्य सीमा छह प्रतिशत होगी। NCDEX ने बयान में कहा, कॉन्ट्रेक्ट मई से अगस्त, 2023 तक चार माह में व्यापार के लिए उपलब्ध हैं, और एक्सचेंज अनुबंध शुरू करने वाले कैलेंडर के अनुसार नए अनुबंध बाद में जोड़ देगा।