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Gas Price Hike: CNG और PNG होगी और महंगी, नेचुरल गैस के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी

अब त्योहारों के सीजन में आपकी जेब और अधिक ढीली हो सकती है। वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो गई। इसके ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि CNG और PNG के दाम भी जल्द ही बढ़ सकते हैं।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: September 30, 2022 21:09 IST
CNG and PNG likely to become expensive- India TV Paisa
Photo:REPRESENTATIONAL IMAGE CNG and PNG are likely to become expensive

Gas Price Hike: नेचुरल गैस की कीमतें 40 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। अब CNG और पाइप से रसोई तक पहुंचने वाली PNG गैसे के दाम बढ़ सकते हैं। ओएनजीसी और ओआईएल के पुराने क्षेत्रों से गैस की कीमत 6.1 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 8.57 अमेरिकी डॉलर प्रति एमएमबीटीयू हो गई है। पीपीएसी के आदेश में कहा गया है कि रिलायंस-बीपी की गैस की दरें बढ़कर 12.46 अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गई हैं। 

दामों में 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी

दरअसल वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की कीमतों में उछाल के साथ प्राकृतिक गैस की कीमतों में शुक्रवार को 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी गई। इससे देश में बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने और वाहन चलाने में इस्तेमाल होने वाली गैस महंगी हो जाने की आशंका है। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, पुराने गैस क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर को मौजूदा 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति एमबीटीयू कर दिया गया है। 

2019 के बाद से गैस की दरों में यह तीसरी वृद्धि
इसी दर पर देश में उत्पादित गैस के लगभग दो तिहाई हिस्से की बिक्री होगी। इस आदेश के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके भागीदार बीपी पीएलसी द्वारा केजी बेसिन में संचालित डी-6 ब्लॉक जैसे मुश्किल एवं नए क्षेत्रों से निकाली जाने वाली गैस की कीमत 9.92 डॉलर से बढ़ाकर 12.6 डॉलर प्रति इकाई कर दी गई है। अप्रैल 2019 के बाद से गैस की दरों में यह तीसरी वृद्धि होगी। बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती के कारण इनमें तेजी आई है। प्राकृतिक गैस उर्वरक बनाने के साथ बिजली पैदा करने के लिए एक प्रमुख कच्चा माल है। इसे सीएनजी में भी परिवर्तित किया जाता है और पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) यानी रसोई गैस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। 

पहले ही 70 फीसदी से अधिक बढ़ी गैस की कीमत
दरों में भारी वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बढोत्तरी होने की आशंका है, जो पहले से ही पिछले एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं। सरकार हर छह महीने यानी एक अप्रैल और एक अक्टूबर को गैस की कीमतें तय करती है। यह कीमतें अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस-अधिशेष देशों में एक साल में एक चौथाई के अंतराल के साथ प्रचलित दरों के आधार पर तय की जाती हैं। एक अक्टूबर से 31 मार्च की कीमत जुलाई 2021 से जून 2022 तक की औसत कीमत पर आधारित है। इस अवधि में वैश्विक स्तर पर दरें तेजी से बढ़ी हैं। गैस की उच्च कीमतें मुद्रास्फीति को और भी बढ़ा सकती हैं जो पिछले आठ महीनों से आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर चल रही है। 

आम आदमी तक कितनी पहुंचेगी आंच
सरकार ने मूल्य निर्धारण फार्मूले की समीक्षा के लिए एक समिति का भी गठन किया है। सूत्रों ने कहा कि प्राकर्तिक गैस की कीमतों में वृद्धि से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और रसोई गैस की दरों में वृद्धि होने की संभावना है। इससे बिजली पैदा करने की लागत में भी वृद्धि होगी लेकिन उपभोक्ताओं को कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी क्योंकि गैस से पैदा होने वाली बिजली का हिस्सा बहुत कम है। इसी तरह, उर्वरक उत्पादन की लागत भी बढ़ जाएगी लेकिन सरकार की तरफ से ऊर्वरक सब्सिडी देने से दरों में वृद्धि की संभावना नहीं है। हालांकि इस फैसले से उत्पादकों की आय में वृद्धि होने की संभावना है।

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