NPS Rule Change: सरकार आम लोगों से जुड़े नियमों में बेहतरी के लिए बदलाव करती रहती है, ऐसा ही बदलाव राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़े सदस्यों के लिए किया गया है, जोकि उन्हें बेहतर फायदा पहुंचाएगा। बता दें कि एनपीएस से बाहर निकलने के बाद एनुटी पेमेंट को तेज और सरल बनाने के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने कुछ डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करना अनिवार्य कर दिया है। वहीं यह बदलाव ग्राहकों को लाभ देने के लिए किया जा रहा है, जिसका लाभ एनुटी इनकम पेमेंट के समय पर मिलेगा। दूसरी ओर मौजूदा समय में एनुटी पेमेंट को लेकर जटिल प्रक्रिया मौजूद है, जिसके चलते भुगतान में काफी देरी देखने को मिलती है। इसी वजह से इसमें खास बदलाव किया जा रहा है।
एनपीएस सब्सक्राइबर्स के लिए हुआ है यह बदलाव
बता दें कि पेंशन नियामक ने 22 फरवरी, 2023 को एक सर्कुलर जारी किया था, जहां सर्कुलर में कई बातों का उल्लेख किया गया था। जहां जारी सर्कुलर के अनुसार ग्राहकों और संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे संबंधित सभी दस्तावेज सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (CRA) यूजर इंटरफेस पर अपलोड किए जाएं। वहीं अनिवार्य दस्तावेजों में एनपीएस एग्जिट/विड्रॉल फॉर्म, एग्जिट फॉर्म में पहचान और पते का प्रमाण, बैंक अकाउंट सर्टिफिकेट और परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर कार्ड शामिल है।
एग्जिट फॉर्म नियम में हुआ यह बदलाव
बता दें कि एनपीएस निकासी प्रक्रिया को सरल और सहज बनाने के लिए पेंशन नियामक ने कहा था कि एनपीएस सब्सक्राइबर्स को पेंशन कॉर्पस से निकलने के बाद एन्युटी चुनने के लिए अलग-अलग प्रपोजल फॉर्म नहीं भरने होंगे। इसके साथ ही एग्जिट फॉर्म को ही एन्युटी प्रपोजल फॉर्म माना जाएगा।
यह है एनपीएस से बाहर निकलने का नियम
अगर आप एनपीएस सदस्य है तो मेच्योरिटी के समय एनुटी स्कीम खरीदने के लिए कुल जमा कॉर्पस का कम से कम 40 % फीसद तक उपयोग कर लें, शेष बचे 60 % फीसद को आप एक बार में निकाल सकते हैं। इसके साथ ही आपका कुल कॉर्पस 5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है तो आपके पास यह विकल्प होगा कि आप इस पूरी राशि को एक बार में निकाल लें, साथ ही अगर आप एनपीएस कॉर्पस को 60 वर्ष की आयु से पहले निकालते हैं तो आपको इसका 80 % फीसद का उपयोग करना होगा।