इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने सोमवार को कहा कि कंपनियों को आगे बढ़ने और लाभ कमाने के लिए अपने ग्राहकों के बीच भरोसा कायम करना और सम्मान अर्जित करना महत्वपूर्ण है। वियतनाम की अपनी पांच दिन की यात्रा के दौरान आईटी उद्योग के दिग्गज ने वियतनाम की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी एफपीटी के चेयरमैन ट्रुओंग जिया बिन्ह के साथ विभिन्न विषयों पर बातचीत की। इसमें एक सफल कंपनी की अनिवार्यताओं से लेकर आने वाले वर्षों में वियतनाम के एक विकसित देश बनने की क्षमता तक का विषय शामिल था। इन्फोसिस की लंबी पारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कैसे, गठन के बाद से उनकी कंपनी का लक्ष्य केवल लाभ हासिल करने के बजाय सम्मान अर्जित करना रहा है।
ग्राहकों का सम्मान लाभ में तब्दील होता
मूर्ति ने कहा कि वह और उनकी टीम इन्फोसिस को भारत की सबसे सम्मानित कंपनी बनाने के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने कहा, ‘‘ग्राहकों का सम्मान लाभ में तब्दील होता है और शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित करता है। यदि आप लंबी अवधि में निवेश करना चाहते हैं, तो कंपनियों को इसे हासिल करने की जरूरत है।’’ इन्फोसिस के संस्थापक ने कहा कि दुनियाभर में कई सफल कारोबारी अपनी हिस्सेदारी का 75 प्रतिशत तक कनिष्ठ कर्मचारियों को दे देते हैं। इसका पालन इन्फोसिस भी करती है। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रमुखों के अधीनस्थों को लाभ पहुंचाने के अलावा कर्मचारियों को खुद भी कंपनी की संपत्ति का सम्मान और संरक्षण करने की जरूरत है।
अनुकूल परिस्थितियां बनानी चाहिए
मूर्ति ने कहा कि कंपनियों को कर्मचारियों को लंबे समय तक जोड़े रखने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राय में, पैसा सबसे महत्वपूर्ण चीज नहीं है लेकिन कर्मचारी अपनी क्षमताओं के लिए सम्मान और सराहना चाहता है।’’ वियतनाम की क्षमता पर भरोसा जताते हुए मूर्ति ने कहा कि यह देश एशिया में अग्रणी विकसित देशों में से एक बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा, ‘‘वियतनाम एशिया के कई अन्य देशों की तुलना में तेजी से अपने लोगों के लिए समृद्धि लाएगा। मुझे भविष्य में आपके विकास के बारे में कोई संदेह नहीं है।’’ मूर्ति ने वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से भी मुलाकात की। इस मौके पर चिन्ह ने कहा कि वियतनाम की विदेश नीति में भारत सर्वोच्च प्राथमिकता है।