बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और म्यूचुअल फंड उद्योग के निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने स्मॉलकैप और मिडकैप में निवेश करने वाले निवेशकों के हित में बड़ा फैसला लिया है।
दोनों संस्थाओं की ओर से फंड मैनेजर्स से कहा गया है कि वे इस महीने से स्मॉल कैप और मिड कैप फंडों के लिए अतिरिक्त जानकारियां उपलब्ध कराएं। निवेशकों का भरोसा और पारदर्शिता बढ़ाने तथा बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया गया है।
निवेशकों को देनी होंगी ये जानकारियां
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि म्यूचुअल फंड प्रबंधकों के लिए अतिरिक्त प्रकटीकरण मापदंडों में मूल्यांकन, अस्थिरता, निवेशकों का रुझान और तनाव परीक्षण शामिल हैं।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि हमने एम्फी को निर्देश दिया है कि वह संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों में हिस्सेदारी के साथ ही तनाव परीक्षण परिणामों का प्रकटीकरण करने को कहे। एएमसी को इसके अलावा मूल्यांकन, अस्थिरता, निवेशकों का रुझान जैसे मानदंडों पर भी जानकारी देनी होगी। सिंह ने आगे कहा कि इस संबंध में एम्फी की सलाह से एक प्रारूप भी तैयार किया गया है।
मिडकैप और स्मॉलकैप फंड में आया बड़ा निवेश
बीते कुछ महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेजी होने का कारण लोगों ने बड़ी संख्या में मिडकैप और स्मॉलकैप म्युचूअल फंड में निवेश किया है। फरवरी के महीने में भी स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स में कुल 2,922 करोड़ रुपये का निवेश आया है। इस कारण से कुल एयूएम 2.49 लाख हो गया है। वहीं, फरवरी में मिडकैप फंड में 1,808 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है। इस कारण मिडकैप फंड की एयूएम बढ़कर 2.95 लाख करोड़ हो गया है।