बहुप्रतीक्षित मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर लगातार काम जारी है। इस प्रोजेक्ट को लेकर एक कंस्ट्रक्शन अपडेट आया है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने सोमवार को अपडेट देते हुए जानकारी दी कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के 100+ किलोमीटर के रूट पर 200,000 से ज्यादा नॉयज ब्लॉकर (शोर अवरोधक) लगा दिए गए हैं। नॉयज ब्लॉकर का डिजाइन इस तरह किया गया है कि शोर कम आ सके। हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया है कि ट्रेन से शानदार नजारों का अनुभव सुरक्षित रखा गया है, जिससे यात्रियों के लिए एक सुगम और सुंदर यात्रा सुनिश्चित होती है।
ब्लॉकर 2 मीटर ऊंचा और 1 मीटर चौड़ा है
खबर के मुताबिक, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन वायडक्ट पर लगाए जा रहे शोर अवरोधक उन्नत शिंकानसेन तकनीक पर आधारित हैं। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन वायडक्ट पर लगाए जा रहे नॉयज ब्लॉकर एडवांस शिंकानसेन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। इन ब्लॉकर में कंक्रीट के पैनल होते हैं, जिनमें से प्रत्येक 2 मीटर ऊंचा और 1 मीटर चौड़ा होता है, जिसे वायडक्ट के दोनों ओर लगाया जाता है। यह डिजाइन खासतौर से हाई-स्पीड रेल संचालन की अनूठी चुनौतियों का सॉल्यूशन करने के लिए किया गया है।
बुलेट ट्रेन में एयरोजडायनामिक शोर पैदा होता है
इन नॉयज ब्लॉकर का बुनियादी काम ट्रेन की तेज स्पीड से होने वाली आवाज को कम करना है। बुलेट ट्रेन के चलने के दौरान, यह ट्रेन और हवा के बीच की बातचीत से एयरोडायनामिक शोर पैदा करती है। साथ ही ट्रेन के पहियों द्वारा पटरियों के संपर्क में आने पर साउंड पैदा होती है। कंक्रीट के पैनल रणनीतिक रूप से इन ध्वनियों को परावर्तित करने और वितरित करने के लिए तैनात किए गए हैं, जो शोर के स्तर को काफी कम करते हैं।
ट्रेन बॉडी डबल-स्किन एल्युमीनियम मिश्र धातु से है बनी
ट्रेन को अंदर के शोर को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी बॉडी डबल-स्किन एल्युमीनियम मिश्र धातु से बनी है, जो ट्रेन के अंदर शोर के स्तर को कम करने में मदद करती है। ट्रेन की लंबी, तीखी नाक को एयरोडायनामिक खिंचाव को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो ट्रेन के सुरंग से बाहर निकलने पर दबाव तरंगों के कारण होने वाली तेज आवाज को कम करने में भी मदद करता है। इस प्रोजेक्ट में 508 किलोमीटर लंबी मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल लाइन में से 465 किलोमीटर से ज्यादा हिस्सा एलिवेटेड होगा, जो वायडक्ट पर चलेगा।