अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी ने बड़ा दांव लगाते हुए टेक्नोलॉजी बेस्ट हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म कर्किनोस का 375 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार को बताया कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस स्ट्रैटेजिक बिजनेस वेंचर्स (आरएसबीवीएल) ने जरूरी शेयरों के आवंटन के साथ कर्किनोस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। इस अधिग्रहण के बाद भारत में तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर बिजनेस में रिलायंस समूह को पांव पसराने में मदद मिलेगी।
क्या करती है कार्किनोस?
कार्किनोस का गठन 24 जुलाई, 2020 को भारत में किया गया था, और कंपनी कैंसर का शीघ्र पता लगाने और इलाज के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान मुहैया कराती है। इसके पिछले प्रमुख निवेशकों में इवर्ट इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (टाटा संस की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी), रिलायंस डिजिटल हेल्थ लिमिटेड (रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक सहायक कंपनी), मेयो क्लिनिक (यूएस), सुंदर रमन (रिलायंस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स के निदेशक) और रवि कांत (टाटा मोटर्स के पूर्व एमडी) शामिल थे। कंपनी कैंसर का जल्दी पता लगाने और प्रभावी उपचार से संबंधित सेवाएं देती है, जिनकी कीमत मौजूदा दरों से काफी कम है। इसके बावजूद कंपनी अच्छा लाभ कमा रही है। कंपनी ने दिसंबर 2023 तक लगभग 60 अस्पतालों के साथ साझेदारी की है।
10 रुपये प्रति शेयर पर हुआ सौदा
आरआईएल की सहायक कंपनी रिलायंस स्ट्रेटेजिक बिज़नेस वेंचर्स ने 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से नकद में 1 करोड़ शेयर खरीदे हैं, जिनकी कुल कीमत 10 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, कार्किनोज़ के 36.50 करोड़ वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर भी खरीदे हैं, जिनकी कीमत 10 रुपये प्रति शेयर है। इन शेयरों की कुल कीमत 365 करोड़ रुपये है। इस अधिग्रहण के हिस्से के रूप में, कार्किनोस ने कंपनी के तत्कालीन शेयरधारकों द्वारा रखे गए मौजूदा बकाया 30,075 इक्विटी शेयरों को रद्द कर दिया है। आरएसबीवीएल को इक्विटी शेयरों के आवंटन और उपर्युक्त मौजूदा बकाया इक्विटी शेयरों को रद्द करने के बाद, कार्किनोस आरआईएल की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई है। कार्किनोस ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 21.911 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 22 में 0.918 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 21 में 0.004 करोड़ रुपये से क्रमशः अधिक है।