Highlights
- अडाणी समूह ने 5जी के नीलामी में भाग लेने की बात कही
- 5जी का उपयोग कंपनी हवाई अड्डों, बंदरगाहों आदि में करेगी
- मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो अभी टेलीकॉम की सबसे बड़ी कंपनी
Mukesh Ambani-Gautam Adani News: अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी वर्षों से अपने कारोबारी साम्राज्य के विस्तार के बावजूद एक दूसरे से सीधा मुकाबला करने से बचते रहे हैं। अब पहली बार इस महीने के अंत में 5जी दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान दोनों एक-दूसरे के सामने होंगे। राजनीतिक रूप से अच्छी तरह से जुड़े दोनों गुजराती व्यवसायियों की प्रतिद्वंद्विता के बावजूद उनके बीच बाजार में पूरी तरह टकराव नहीं दिखाई देगा। अडाणी समूह ने शनिवार को दूरसंचार स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल होने की पुष्टि तो की, लेकिन साथ ही कहा कि वह दूरसंचार स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल हवाई अड्डों से लेकर अपने व्यवसायों का समर्थन करने के लिए एक निजी नेटवर्क के रूप में करेगा।
मोबाइल-टेलीकॉम क्षेत्र में प्रवेश की योजना नहीं
अडानी ग्रुप की ओर से जारी बयान में कहा गया, हम हवाई अड्डों, बंदरगाहों और लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन, पारेषण, वितरण और विभिन्न विनिर्माण कार्यों में बढ़ी हुई साइबर सुरक्षा के साथ ही निजी नेटवर्क समाधान मुहैया कराने के लिए 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग ले रहे हैं। इसका मतलब है कि समूह उपभोक्ता मोबाइल टेलीफोनी क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा, जहां अंबानी की रिलायंस जियो सबसे बड़ी कंपनी है। संयोग से, दूरसंचार कंपनियों ने निजी कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करने के लिए गैर-दूरसंचार संस्थाओं को स्पेक्ट्रम के किसी भी प्रत्यक्ष आवंटन का कड़ा विरोध किया था। उनका कहना था कि इससे उनका कारोबार गंभीर रूप से प्रभावित होगा। ये कंपनियां चाहती थीं कि गैर-दूरसंचार कंपनियां उनसे स्पेक्ट्रम लीज पर लें या वे उनके लिए निजी कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करें। लेकिन सरकार ने निजी नेटवर्क के पक्ष में फैसला किया। पां
जियो, एयरटेल और वोडाफोन ने भी आवेदन किया
दूरसंचार क्षेत्र की तीन निजी कंपनियों-जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने नीलामी के लिए आवेदन किया है। चौथा आवेदक अडाणी समूह है। समूह ने हाल ही में राष्ट्रीय लंबी दूरी (एनएलडी) और अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी (आईएलडी) के लिए लाइसेंस हासिल किया था। दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई, 2022 से शुरू हो रही है और इस दौरान कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की जाएगी। अंबानी और अडाणी, दोनों गुजरात के रहने वाले हैं और उन्होंने बड़े कारोबारी समूह बनाए हैं। हालांकि, अभी तक दोनों का किसी व्यवसाय में सीधा आमना-सामना नहीं हुआ था। अंबानी का कारोबार तेल और पेट्रोरसायन से दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र तक फैला है, वहीं अडाणी ने बंदरगाह से लेकर कोयला, ऊर्जा वितरण और विमानन क्षेत्र में विस्तार किया है।