Mukesh Ambani Birthday Special Story: अंबानी परिवार के लिए एक तारीख हमेशा याद की जाती है। जून 2005 की। देश चिलचिलाती गर्मी से और अंबानी परिवार धीरूभाई अंबानी के मरने के बाद संपत्ति के बंटवारे को लेकर परेशान था। 6 जुलाई 2002 को धीरूभाई का निधन हो गया था। उसके बाद उनकी संपत्ति के बंटवारे में उनकी पत्नी कोकिलाबेन ने मुख्य भूमिका अदा की थी। इस बंटवारे में मुकेश अंबानी के हिस्से में पेट्रोकेमिकल्स सहित तेल और गैस, रिफाइनिंग और टेक्सटाइल्स आया, जबकि अनिल अंबानी को फाइनेंशियल सर्विसेज, पावर, एंटरटेनमेंट और टेलीकॉम से जुड़े कारोबार की जिम्मेदारी दी गई। आज मुकेश अंबानी का बर्थडे है। वह आज 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 1957 में हुआ था। पिछले 21 साल से वह रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार संभाल रहे हैं। जब बंटवारा हुआ था तब अधिक मुनाफे वाले बिजनेस अनिल अंबानी को दिया गया था। इसे आप मुकेश अंबानी की काबिलियत कहें या फिर बिजनेस की दुनिया में कुछ नया करने की जिद्द, कम प्रॉफिट वाले कारोबार के दम पर आज वह एशिया के सबसे अमीर आदमी हैं। आइए अंबानी के सफर पर एक नजर डालते हैं।
मुकेश अंबानी ने खड़ा किया रिलायंस का साम्राज्य
धीरूभाई अंबानी ने जरूर अपने खून-पसीने से सींच कर रिलायंस को खड़ा किया, लेकिन उसको बड़ा बनाने में मुकेश अंबानी के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आज रिलायंस इंडस्ट्रीज न सिर्फ पेट्रोलियम की दुनिया में बल्कि डिजिटल, मोबाइल, रिटेल और ग्रीन एनर्जी में अपना परचम लहरा रही है। इसका श्रेय मुकेश अंबानी को जाता है। मुकेश अंबानी ने अपनी सूझबूझ से रिलायंस का करोबार लगातार विस्तार कर रहे हैं। टेलिकम्युनिकेशन के साथ जियोमार्ट के जरिए रिटेल बिजनेस में रिलायंस तेजी से अपना दबदबा बना रही है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश किया है। रिलायंस अब पूरी तरह से कर्जमुक्त कंपनी बन चुकी है।
कई क्षेत्रों में फैला है कारोबार
रिलायंस ने इन दो दशकों में कई नए व्यवसाय शुरू किए हैं, जिसमें रिलायंस ने 2016 में Jio की शुरुआत की और दो साल के भीतर भारत की टॉप 3 कंपनियों में शामिल हुई। मुकेश के कमान संभालने के बाद रिलायंस ने 2006 में रिटेल में और 2021 में नई ऊर्जा के क्षेत्र में परिचालन शुरू किया। 2002 में कंपनी की एकमात्र तेल रिफाइनरी से जामनगर अब दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल साइट प्यूरिफिकेशन कॉम्प्लेक्स है। इस अवधि के दौरान आरआईएल ने ऑयल रिफाइनरी कैपेसिटी को दोगुना कर दिया, जिससे सबसे खराब कच्चे तेल को निर्यात योग्य ईंधन में परिवर्तित करने की अनूठी क्षमता जुड़ गई। इसने दुनिया की कुछ सबसे बड़ी डाउनस्ट्रीम इकाइयों को भी जोड़ा। पेट्रोकेमिकल्स का इसका पारंपरिक व्यवसाय भी पिछले दो दशकों में कई गुना बढ़ा है।
2009 बना टर्निंग प्वाइंट
Reliance Oil and Gas Exploration (E&P) के बिजनेस ने 2002 के अंत में पहली हाइड्रोकार्बन खोज की और 2009 में उत्पादन शुरू हुआ। फर्म को 2011 में ईएंडपी व्यवसाय में एक निवेशक के रूप में यूके का बीपी पीएलसी मिला। RIL अपने भारतीय ईंधन खुदरा व्यापार में एक भागीदार के रूप में वैश्विक पेट्रोलियम उद्योग के नेताओं में से एक बीपी को लाया। रिलायंस मोबिलिटी सॉल्यूशंस जियो-बीपी ब्रांड के माध्यम से पेट्रो-रिटेल आउटलेट्स पर उपभोक्ताओं के लिए नवीनतम तकनीक और पेशकश लेकर आया है। इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली सेवा के साथ ईंधन खरीदने और चार्जिंग और बैटरी स्वैप सुविधाओं के साथ खुदरा दुकानों को भविष्य के लिए तैयार करने का एक नया अनुभव प्रदान करना है। बता दें कि फोर्ब्स की दुनिया के अमीरों की लिस्ट में मुकेश अंबानी 13वें नंबर पर हैं। उनकी नेटवर्थ 85 बिलियन डॉलर यानी करीब 6.97 लाख करोड़ रुपए है।