धीरूभाई अंबानी की जयंती पर मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को दुनिया की टॉप-10 कंपनियों में शामिल करने का गोल सेट किया है। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने कहा कि उनकी अगुवाई वाला रिलायंस समूह कभी भी (अपनी उपलब्धियों से) ‘आत्मसंतुष्ट’ नहीं होगा और यह ग्रुव दुनिया के शीर्ष 10 व्यापारिक समूहों का हिस्सा बनेगा। समूह ने कुछ ही वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े तेल रिफाइनिंग परिसर से लेकर देश के सबसे बड़े मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर तक का कारोबार खड़ा किया है। समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की जयंती ‘रिलायंस फैमिली डे’ पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस अब डिजिटल डेटा मंच और कृत्रिम मेधा (एआई) प्रौद्योगिकी अपनाने में वैश्विक कंपनियों के बीच अपनी जगह मजबूत करने का लक्ष्य बना रही है। ण्
वैश्विक माहौल बहुत तेजी से बदल रहा
उन्होंने कहा, “आज कारोबार के लिए घरेलू और वैश्विक माहौल बहुत तेजी से बदल रहा है। आत्मसंतुष्टि के लिए कोई जगह ही नहीं है। रिलायंस अतीत में कभी भी आत्मसंतुष्ट नहीं थी, और भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा कि रिलायंस को ‘निरंतर नवोन्मेष और नई खोज के जरिये बाजार में बदलाव के लिए जाना जाता है। मुंबई में एक छोटी कपड़ा विनिर्माण इकाई से शुरुआत करते हुए रिलायंस ने ‘बैकवर्ड एकीकरण’ किया - और यह पेट्रोरसायन (जो वस्त्रों के लिए फीडस्टॉक प्रदान करता है) क्षेत्र में उतरी और देश में इसकी सबसे बड़ी उत्पादक बन गई। इसके बाद इसने अपने समय में देश की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी स्थापित की और इसे दुनिया के सबसे बड़े तेल रिफाइनिंग परिसर के रूप में विस्तारित किया गया। ‘बैकवर्ड एकीकरण’ में एक कंपनी आपूर्ति श्रृंखला में शामिल कारोबार से जुड़े कार्यों को पूरा करने के लिए अपनी भूमिका का विस्तार करती है। रिलायंस समूह ने 2005 में खुदरा क्षेत्र में प्रवेश किया और अब यह देश में किराना स्टोर, बड़ी दुकानें और ऑनलाइन खुदरा कारोबार की सबसे बड़ी परिचालक है। रिलायंस ने 2016 में दूरसंचार सेवा जियो की शुरुआत की थी और आज यह भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनी है। पूरी दुनिया में रिलायंस जियो तीसरे स्थान पर है। आज रिलायंस नवीन ऊर्जा कारोबार के लिए बड़े कारखानों का निर्माण कर रहा है और वित्तीय सेवाओं में भी प्रवेश कर चुका है।
ऊंची छलांग लगाने की क्षमता
रिलायंस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अंबानी ने कहा, “हमने मानदंडों को ऊंचा रखने का साहस दिखाया है, और नए रिकॉर्ड बनाने के लिए और भी ऊंची छलांग लगाने की क्षमता दिखाई है। इस तरह रिलायंस ने लगातार वृद्धि हासिल की है।’’ उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से) बनने की ओर अग्रसर है, एक अभूतपूर्व अवसर रिलायंस का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘रिलायंस दुनिया की शीर्ष 10 कारोबारी समूहों में जगह बना सकती है और यह ऐसा करेगी।’’ हालांकि इसके लिए उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई। रिलायंस राजस्व, मुनाफे और बाजार मूल्यांकन के लिहाज से आज देश की सबसे बड़ी कंपनी है।