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Edible oil prices : सरसों सहित ज्यादातर खाने के तेल हुए सस्ते, जानिए भाव

आज सरसों की आवक पहले के 2.60 लाख बोरी से घटकर लगभग दो लाख बोरी रह जाने के बावजूद सरसों की लिवाली कम रहने से इसमें गिरावट दर्ज हुई।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Aug 13, 2024 23:25 IST, Updated : Aug 13, 2024 23:25 IST
खाद्य तेलों के भाव
Photo:FILE खाद्य तेलों के भाव

मंडियों में आज सरसों की आवक घटने के बावजूद आयातित तेलों के सस्ते थोक दाम के आगे लिवाली की कमी की वजह से देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों सहित अधिकांश तेल-तिलहन के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए। महंगे दाम की वजह से कमजोर कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर ही बंद हुए। शिकागो और मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट चल रही है। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि आयातित खाद्य तेलों के केवल थोक दाम के सस्ता होने की वजह से बाजार की कारोबारी धारणा बिगड़ी हुई है और सभी तेल-तिलहनों की कीमतें इनके दबाव में हैं। कुछ त्योहारी मांग होने से आयातित तेल खप भी रहे हैं। लेकिन देशी तेल-तिलहनों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के हिसाब से लागत इन आयातित तेलों से काफी महंगा होने से इन देशी तेलों के लिवाल काफी कम हैं।

किसानों के सामने अजीब समस्या

हालत यह है कि आज सरसों की आवक पहले के 2.60 लाख बोरी से घटकर लगभग दो लाख बोरी रह जाने के बावजूद सरसों की लिवाली कम रहने से इसमें गिरावट दर्ज हुई। उन्होंने कहा कि कारोबारियों की आर्थिक हालत इतनी खराब हो गई है कि वे किसी खाद्य तेल का स्टॉक जमा नहीं रख पा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि ऐसी तिलहन पैदावार बढ़ाकर भी क्या फायदा होगा, जब पिछले लगभग दो साल पुराना सरसों का स्टॉक अब भी बचा रह जाये। विदेशों में पैदावार और उत्पादकता अधिक होने से वहां डी-आयल्ड केक (डीओसी) का उत्पादन भी खूब है।

डीओसी बिक्री से प्लांट वालों को फायदा

डीओसी बिक्री से प्लांट वालों को फायदा होता है और वे देश के किसानों की सोयाबीन खरीदने में रुचि लेते हैं। लेकिन मौजूदा परिस्थिति में महंगा होने की वजह से देशी डीओसी का भी खपना मुश्किल है। सूत्रों ने कहा कि कारोबारियों को उम्मीद थी कि आम चुनावों के बाद सरकार सस्ते आयातित खाद्य तेलों को नियंत्रित करने के लिए आयात शुल्क बढ़ाने जैसे कुछ उपाय कर सकती है पर अब वे नाउम्मीद हो चले हैं। स्थिति की सुनवाई करने वाला कोई नहीं दिखता।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

  • सरसों तिलहन - 5,900-5,940 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली - 6,425-6,700 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,350 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली रिफाइंड तेल 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन।
  • सरसों तेल दादरी- 11,550 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सरसों पक्की घानी- 1,870-1,970 रुपये प्रति टिन।
  • सरसों कच्ची घानी- 1,870-1,995 रुपये प्रति टिन।
  • तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,400 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सीपीओ एक्स-कांडला- 8,740 रुपये प्रति क्विंटल।
  • बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,500 रुपये प्रति क्विंटल।
  • पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,900 रुपये प्रति क्विंटल।
  • पामोलिन एक्स- कांडला- 8,980 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन दाना - 4,410-4,430 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन लूज- 4,220-4,345 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मक्का खल (सरिस्का)- 4,125 रुपये प्रति क्विंटल।

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