अमेरिका और चीन जैसे दुनिया के दिग्गज देश जहां आर्थिक मंदी के संकट से जूझ रहे हैं, वहीं दुनिया का भरोसा भारत (Indian Economy) पर बढ़ता दिख रहा है। इसका एक संकेत आज जारी हुई दुनिया की मशहूर ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) की ताजा रिपोर्ट से मिला है। मॉर्गन स्टेलनी ने भारत की रेटिंग में बदलाव किया है और इसको बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है। दूसरी ओर रेटिंग एजेंसी ने चीन को बड़ा झटका दिया है। ब्रोकरेज फर्म ने चीनी शेयरों पर अपनी रेटिंग को गिराया है। बता दें कि कल ही फिच ने भी दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका की रेटिंग को डाउनग्रेड किया है।
ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि देश का आर्थिक सुधार और मैक्रो-स्टेबिलिटी एजेंडा एक मजबूत कैपिटल एक्सपेंडीचर और प्रॉफिट आउटलुक को सपोर्ट करता है। मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि भारत की अर्थव्यवस्था भविष्य में बेहतर परफॉर्म करेगी। स्टेनली का मानना है कि भारत में लंबी तेजी की शुरुआत होने वाली है, जबकि चीन की तेजी खत्म होने के करीब है।
अब शुरू होगा भारत का दौर
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की स्थिति काफी हद तक चीन के अतीत जैसी दिखाई देती है। रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत यकीनन ग्रोथ की एक लंबी लहर की शुरुआत में है। वहीं, चीन में यह खत्म हो रही है।' भारत की इकॉनमी 6.2 फीसदी के जीडीपी पूर्वानुमान को प्राप्त करने के रास्ते पर है। दशक के अंत में चीन का GDP ग्रोथ रेट भारत के 6.5% की तुलना में लगभग 3.9% रहेगा। नोट में यह भी कहा गया है कि डेमोग्राफिक ट्रेंड भी भारत के फेवर में दिख रहा है, जबकि चीन में पिछले दशक की शुरुआत से कामकाजी उम्र की आबादी में गिरावट देखी गई है। मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने कहा, 'भारत हमारी प्रोसेस में 6 से बढ़कर 1 पर आ गया है। रिलेटिव वैल्यूएशन अक्टूबर की तुलना में कम चरम पर है।
मार्च में भी किया था बदलाव
इससे 4 महीने पहले 31 मार्च को ब्रोकरेज फर्म ने भारत को अंडरवेट से इक्वलवेट में अपग्रेड किया था। मॉर्गन स्टेनली कहा कि भारत अब उभरते बाजारों के बीच टॉप रैंक वाला, सबसे पसंदीदा बाजार है। उसे उम्मीद है कि दिसंबर तक सेंसेक्स 68,500 के स्तर तक पहुंच जाएगा। हालांकि, ये टारगेट तभी पूरा होगा जब कमोडिटी प्राइस में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी न हो और अमेरिका में मंदी न आए।
भारत के ओवरवेट होने का क्या मतलब है?
जब कोई रिसर्च फर्म किसी मार्केट को ओवरवेट कहती है तो इसका मतलब है कि ये मार्केट दूसरे बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा। वहीं इक्वलवेट का मतलब है कि मार्केट का दूसरे बाजारों की तरह ही परफॉर्म करना। अंडरवेट का मतलब है कि बाजार का दूसरों से पिछड़ना।
चीनी शेयरों पर घटाई रेटिंग
मॉर्गन स्टेनली ने जहां भारत की रेटिंग बढ़ाई है, वहीं दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्था चीन पर संदेह व्यक्त करते हुए उसकी रेटिंग घटा दी है। रिसर्च फर्म ने चीन पर अपनी रेटिंग को घटाकर इक्वल वेट कर दिया है। फर्म ने कहा कि निवेशकों को प्रॉफिट के लिए सरकारी प्रोत्साहन से प्रेरित उछाल का लाभ उठाना चाहिए।
अमेरिका की घटी रेटिंग
इससे पहले कल ही रेटिंग एजेंसी फिच ने दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी यानी अमेरिका को करारा झटका दिया था। बुधवार को दिग्गज रेटिंग एजेंसी फिच ने अमेरिका की रेटिंग को गिरा दिया। फिच ने यूएस की रेटिंग को AAA से घटाकर AA+ कर दिया है। इसके बाद यूएस शेयर मार्केट में गिरावट देखने को मिली।