Highlights
- केंद्र सरकार ने विकास संबंधी कार्यों पर आठ साल में 90,89,233 करोड़ खर्च किये हैं
- ईंधन कर से एकत्र किया गया पैसा विकास के अच्छे रूप में उपयोग में किया गया
- पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कर संग्रह से काफी कम खर्च करने का आरोप लगाया था
नई दिल्ली। सरकार ने पिछले आठ वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों पर करीब 91 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। सरकारी सूत्रों ने यह बात कही। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने विकास संबंधी कार्यों के लिए 90,89,233 करोड़ रुपये खर्च किये है। इससे पहले हाल में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2014-2021 के बीच ईंधन कर संग्रह से 26.5 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए थे। लेकिन मुफ्त खाद्यान्न, महिलाओं को नकद भत्ते, पीएम-किसान और अन्य नकद हस्तांतरण पर किया गया खर्च '2,25,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।
चिदंबरम पर गलत आंकड़े पेश करने का आरोप
सरकारी सूत्रों ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री द्वारा पेश किये गए आंकड़े कुल किये गए खर्च काफी कम है क्योंकि विकास कार्यों पर व्यय लगभग चार गुना था। उन्होंने खर्च का ब्योरा साझा करते हुए बताया कि 26 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय किया गया है। भोजन, उर्वरक और ईंधन सब्सिडी के लिए 25 लाख करोड़ रुपये और स्वास्थ्य, शिक्षा, किफायती आवास आदि जैसी सामाजिक सेवाओं पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किये गए है। सूत्रों ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ईंधन कर से एकत्र किया गया पैसा विकास के अच्छे रूप में उपयोग में किया गया है।