Friday, November 15, 2024
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मोदी सरकार के सुधारों से दिखे 'अच्छे दिन' के सबूत, विदेशी एजेंसी ने कहा, भारत फिर बना सोने की चिड़िया!

रिपोर्ट कहती है, ‘‘भाग्य रातोंरात चमकता है - कुछ के लिए, यह किस्मत से होता है, और ज्यादातर के लिए वर्षों के प्रयास से। भारत कुछ इसी तरह की कहानी है।’’

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: July 17, 2023 18:16 IST
PM Modi- India TV Paisa
Photo:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश नीत नई ऊंचाई को प्राप्त कर रहा है। इस बात को अब विदेशी ब्रोकरेज एजेंसियां भी मानने लगी हैं। ब्रोकरेज कंपनी बर्नस्टीन ने सोमवार को नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल पर एक 31 पृष्ठ की रिपोर्ट जारी कर कहा कि जीएसटी जैसे ‘ऐतिहासिक’ सुधारों और बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर जबर्दस्त खर्च से भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। बर्नस्टीन की ‘पीएम मोदी के नेतृत्व का दशक-एक लंबी छलांग’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि विरासत में संकट में फंसे कई संस्थानों के साथ एक कमजोर अर्थव्यवस्था मिलने के बावजूद ऐतिहासिक सुधारों, महंगाई पर नियंत्रण, वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण के मोर्चे पर सरकार ने काफी अच्छा काम किया है। इससे भारत एक बार फिर सोने की चिड़ियां बनने की ओर अग्रसर हो गया है। 

भारत ने कई क्षेत्रों में जबर्दस्त प्रगति की

रिपोर्ट कहती है, ‘‘भाग्य रातोंरात चमकता है - कुछ के लिए, यह किस्मत से होता है, और ज्यादातर के लिए वर्षों के प्रयास से। भारत कुछ इसी तरह की कहानी है।’’ इसमें कहा गया है कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में जबर्दस्त प्रगति देखी है। इसमें डिजिटलीकरण, अर्थव्यवस्था को संगठित करना, बेहतर नीतिगत माहौल से विनिर्माण के लिए निवेश आकर्षित करना और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाना शामिल है। रिपोर्ट कहती है कि पिछले दशक के कई साल के दौरान आर्थिक वृद्धि सुस्त रही है, लेकिन सरकार ने नए सुधारों के जरिये अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया है। बर्नस्टीन की रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी ने नौ साल पहले ‘अच्छे दिन के वादे’ के साथ शानदार जीत हासिल की और प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 

लालफीताशाही को कम करने में सफल रहें मोदी 

उन्होंने आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने, लालफीताशाही को कम करने, भ्रष्टाचार को समाप्त करने और कारोबारी धारणा में सुधार का वादा किया था। भाजपा के 2014 के चुनाव घोषणापत्र में सुशासन के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि का वादा सबसे ऊपर था। भाजपा ने ऊंची वृद्धि, अधिक रोजगार सृजन और निवेश को बढ़ाने का वादा किया था। बर्नस्टीन ने यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुछ मानदंडों का आकलन किया है। इसमें देखा गया है कि इन मानदंडों पर 2014 के बाद से कैसा प्रदर्शन रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत रही है। कोविड-पूर्व की वृद्धि 6.7 प्रतिशत रही थी। वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के कार्यकाल में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत से कुछ कम रही थी। उस दौर में निचले आधार प्रभाव का लाभ मिला था। 

विरासत में एक कमजोर अर्थव्यवस्था मिली थी 

इसमें कहा गया है कि मोदी सरकार को ‘विरासत में एक कमजोर अर्थव्यवस्था मिली थी और कई संस्थान संकट में थे। रिपोर्ट में इसके लिए संप्रग सरकार के कदमों को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैश्विक स्तर पर जीडीपी के मामले में पांचवें स्थान पर आ गया है। 2014 में भारत दसवें स्थान पर था। हालांकि, प्रति व्यक्ति आय के आधार पर सूची में भारत काफी पीछे 127वें स्थान पर है। यहां भी 2014 की तुलना में भारत की स्थिति सुधरी है। 2014 में भारत 147वें स्थान पर था।

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